मौलाना महमूद मदनी के हालिया बयान को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कड़ी आपत्ति जताई है. परिषद के प्रवक्ता अमितोष परीक ने इसे बेहद निंदनीय और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाला करार दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान युवाओं को गलत दिशा में ले जा सकते हैं और समाज में अनावश्यक तनाव बढ़ाने का काम करते हैं.

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अमितोष परीक ने कहा कि मौलाना मदनी की बयानबाजी कट्टरपंथ और शरीयत आधारित सोच को मजबूत करती है. उनका आरोप है कि ऐसे बयान युवाओं को बरगलाने और देश के खिलाफ भड़काने वाले होते हैं. उन्होंने कहा कि भारत में ऐसी विचारधाराओं के लिए कोई जगह नहीं है.

VHP प्रवक्ता ने यहां तक कहा कि अगर मौलाना मदनी को जिहाद इतना पसंद है तो वे भारत छोड़कर वहां चले जाएं, जहां जिहाद की इजाजत है. भारत के स्कूलों में जिहाद पढ़ाने की वकालत नकारात्मक विचारधारा का प्रतीक है और धर्म के आधार पर भेदभाव फैलाने वाला है.

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'योग-सूर्य नमस्कार का विरोध, लेकिन जिहाद की वकालत'

अमितोष परीक ने आरोप लगाया कि मौलाना मदनी योग और सूर्य नमस्कार का विरोध करते हैं, लेकिन स्कूलों में जिहाद का लेसन शामिल करने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की बात आते ही ऐसे लोग एकजुट होकर इसका विरोध करते हैं.

पारीक ने कहा कि इस्लाम का कट्टरपंथ आखिर भारत के बच्चों को क्यों पढ़ाया जाए? भारत एक शांतिप्रिय और समावेशी देश है, यहां कट्टरपंथी सोच की कोई जगह नहीं है.

VHP प्रवक्ता ने दावा किया कि मौलाना मदनी अपने विवादित बयान पर सफाई नहीं दे रहे, बल्कि उसे और परिभाषित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मदनी अक्सर जिहाद और काफ़िर जैसे शब्दों पर जोर देते हैं, जिसे लेकर पूरे हिंदुस्तान को गंभीरता से सोचने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि सेकुलरिज्म की बात करने वालों को भी सोचना चाहिए. हिंदुओं को यह देखना होगा कि बिहार के बाद अब बंगाल से जंगल राज और कट्टरपंथी सोच को खत्म करने की बारी है.

तेलंगाना के सीएम रेवंथ रेड्डी पर भी निशाना

अमितोष परीक ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी के उस बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदुओं के देवी-देवताओं की संख्या ज्यादा है. VHP प्रवक्ता ने इस बयान को हिंदू धर्म का उपहास बताते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने हिंदू धर्म को मजाक बनाने का टूल बना लिया है. अगर रेवंथ रेड्डी को सनातन धर्म की जानकारी नहीं है, तो उन्हें टिप्पणी करने के बजाय चुप रहना चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता मस्जिदों में जाते हैं, इफ्तार पार्टियों में शामिल होते हैं और जिहाद की सोच को बढ़ावा देते हैं.

पारीक ने कहा कि भारत में रहने वाले नेताओं को यह समझना चाहिए कि उन्हें किस विचारधारा का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने दोहराया कि भारत में कट्टरपंथ की कोई जगह नहीं है और ऐसी सोच को खत्म करना समय की जरूरत है.