राजस्थान के धौलपुर जिले के सैंपऊ कस्बे से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए पांच दोस्तों के साथ बड़ा हादसा हो गया. जम्मू के किशनपुर डोमेल रोड, गरनई लोटा स्थान के पास भूस्खलन के दौरान पानी का तेज बहाव आया, जिसमें पांचों दोस्त बह गए. हालांकि दो युवकों ने तैरकर अपनी जान बचा ली, जबकि तीन अब भी लापता हैं.
जानकारी के अनुसार यश (पुत्र शशिकांत गर्ग), प्रांशु (पुत्र सुनील मित्तल), शिव बंसल (पुत्र विनोद बंसल), आदित्य (पुत्र हरिओम परमार) और दीपक (पुत्र विष्णु मित्तल) 23 अगस्त को माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रवाना हुए थे. दर्शन करने के बाद ये सभी दोस्त मंगलवार को घर लौटने वाले थे. ट्रेन में देरी होने की वजह से उन्होंने जम्मू से कटरा वाले रास्ते से ट्रेन पकड़ने का फैसला किया.
कैसे हुआ हादसा
रास्ते में खण्डेल नामक स्थान पर भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गिरने लगा. टैक्सी ड्राइवर ने गाड़ी पीछे कर ली और पांचों दोस्त नीचे उतर गए. इसी दौरान पहाड़ों से बहकर आया तेज पानी उन्हें बहा ले गया.
हादसे में 2 युवक बचे, 3 लापता
जानकारी के अनुसार इस हदासे में दो दोस्त आदित्य और दीपक किसी तरह पानी में तैरते हुए एक पेड़ से टकराकर उसके सहारे एक टापू पर चढ़ गए. वहीं यश, प्रांशु और शिव बंसल पानी की तेज धार में बह गए. घटना के दो घंटे बाद एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
परिजनों में मचा कोहराम
हादसे की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. परिवारजन तुरंत गाड़ी से जम्मू रवाना हो गए और स्थानीय पुलिस-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई. थाना प्रभारी वीरेंद्र मीणा और एसडीएम कर्मवीर सिंह ने मौके की जानकारी लेते हुए लापता युवकों की तलाश तेज करने के निर्देश दिए.
परिजनों ने बताया हादसे का क्रम
लापता युवकों के एक परिजन ने कहा कि "टैक्सी चालक ने जैसे ही पहाड़ से गिरते पत्थरों को देखा, गाड़ी पीछे कर ली. दोस्त टैक्सी से नीचे उतर गए और उसी समय पानी का तेज बहाव आ गया. दो बच्चे पेड़ के सहारे बच गए, लेकिन तीन दोस्त बह गए."
माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग हादसे में अब तक 32 की मौत, कई लापता
माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर मंगलवार को बड़ा हादसा हुआ. इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुए भूस्खलन में अब तक 32 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अब भी मलबे में दबे बताए जा रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरने लगे, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें मौके पर मौजूद हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. प्रशासन ने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.