Udaipur News: देश में आप कहीं भी जाएं एक बात कॉमन मिलेगी ही जो है सार्वजनिक दीवारों पर रेड स्पॉट. दीवार चाहे कितनी भी खूबसूरत हो उस पर रेड स्पॉट तो दिखाई दे ही जाता है. यह रेड स्पॉट होता है गुटका थूकने का निशान. हॉस्पिटल, स्कूल हो या गार्डन सभी जगह यह निशान दिखाई देंगे. लेकिन अब इन निशानों की वजह से शहर देशभर में गंदगी की श्रेणी में गिना जाएगा. क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण में जैसे पहले येलो स्पॉट के कारण नंबर काटे जाते थे उसी प्रकार अब रेड स्पॉट के नंबर भी कटेंगे. आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण (एसएस)–एसएस 2023 के आठवें आयोजन का शुभारंभ कर दिया है.
दुनिया का सबसे बड़ा सर्वेक्षणमनोज जोशी ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया में सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के रूप में उभरा है. स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां आयोजन- 'आजादी @ 75 स्वच्छ सर्वेक्षण 2022' एक ऐतिहासिक सर्वेक्षण था, क्योंकि यह आजादी का अमृत महोत्सव के साथ था. एसएस 2022 सर्वेक्षण में 4,355 शहरों, 85,860 वार्डों, 2.12 लाख स्थानों का दौरा किया गया, 5.5 लाख दस्तावेजों का मूल्यांकन किया गया, 1.14 करोड़ नागरिकों से उनके विचार प्राप्त किए गए, 4.77 लाख नागरिक सत्यापन किए गए, 23.38 लाख फोटो और वीडियो साक्ष्य के रूप में एकत्र किए गए और 17.24 लाख डेटा पॉइंट एकत्र किए गए. एसएस 2022 सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और परिणाम तैयार किए जा रहे हैं. अब आठवें सर्वेक्षण को भी नया रूप देने जा रहे हैं.
3 नहीं 4 चरणों मे होगा सर्वेयह देखा गया कि जब भी एसएस सर्वेक्षण शुरू होता है, तो शहरों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों का स्तर बढ़ जाता है और सर्वेक्षण किए जाने के महीनों के दौरान शहर साफ-सुथरे दिखाई देते हैं. इसलिए, एसएस 2023 में, पहले के आयोजनों के दौरान 3 चरणों के बजाय 4 चरणों में मूल्यांकन किया जाएगा और चरण 4 के अलावा चरण 3 में भी नागरिक सत्यापन और प्रसंस्करण सुविधाओं का क्षेत्र मूल्यांकन शुरू किया जा रहा है. एसएस 2023 की थीम 'वेस्ट टू वेल्थ' है और यह स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 अपशिष्ट प्रबंधन में सर्कुलरिटी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो मिशन के तहत प्रमुख उद्देश्यों में से एक है.
सर्वेक्षण में बढ़े 2000 अंकस्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के माध्यम से शहरों के अंदर वार्डों की रैंकिंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. शहरों के मेयरों को रैंकिंग में भाग लेने और सबसे स्वच्छ वार्डों को सम्मानित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उपरोक्त के अलावा शहरों को 'खुले में शौच' (येलो स्पॉट) और 'खुले में थूकने' (रेड स्पॉट) के मुद्दों पर समर्पित संकेतकों पर भी मूल्यांकन किया जाएगा, जिनका शहरों को सामना करना पड़ रहा है. साथ ही साल 2022 में सर्वेक्षण 7500 अंकों का था जो इस बार 9500 अंकों के आधार ओर होगा. इसमें सर्विस आधारित प्रोग्रेस 3000 की जगह 4525 अंक, सर्टिफिकेशन पर 2250 की जगह 2500 अंक, सिटीजन फीडबैक पर 2250 की जगह 2475 अंकों की व्यवस्था की गई है.
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