उदयपुर: उदयपुर (Udaipur) में आपातकालीन सेवा (Emergency Service) में कमीशन के चक्कर मे मरीजों को लूटने का मामला सामने आया है. यहां एम्बुलेंस चालक कमीशन के चक्कर में दुर्घटना में घायल हुए लोगों को सरकारी की जगह निजी हॉस्पिटल (Private Hospital) ले जा रहे हैं. वहीं जब इस बाबत सीएमएचओ (CMHO) तक शिकायत पहुंची तो मामला सामने आया और चालक को तुरंत बर्खास्त करने के आदेश दिये गए.
चालक निष्काषित हो और आगे कोई दोहराए नहीं
बता दें कि आदिवासी मंच समिति उदयपुर की ओर से हाल ही हुए एक मामले के संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई. इस सम्बंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा तुरंत कार्यवाही करते हुए 108 एंबुलेंस संचालन कंपनी जीवीके इएमआरआई को इस संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के साथ-साथ संबंधित एंबुलेंस चालक को निष्कासित करने की कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है.
चंद कमीशन के चक्कर में मरीज को लाखो रुपये की चपत
आदिवासी मंच समिति द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि 7 फरवरी को लसाडिया उपखंड के गांव निपानिया निवासी भैरूलाल मीणा को रोड एक्सीडेंट में घायल हो जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लसाडिया लाया गया. जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे 108 एंबुलेंस द्वारा शहर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज से संचालित राजकीय महाराणा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर हेतु रेफर किया गया. लेकिन रास्ते में एंबुलेंस चालक द्वारा मरीज के परिजनों को गुमराह कर निजी अस्पताल में अच्छे इलाज एवं सरकारी योजनाओं में लाभ का झांसा देकर आरएनटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती में करवाने की बजाय सनराइज अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. यहां मरीज को इलाज हेतु लाखों रुपए खर्च करने पड़े. परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने चंद कमीशन के फेर में उन्हें गुमराह कर लाखों रुपए के आर्थिक बोझ तले दबा दिया. उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इलाज के दौरान अस्पताल में खर्च हुए रुपयों की भरपाई एंबुलेंस चालक से करवाई जाए.
मरीजों को गुमराह करना असहनीय
वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने कहा कि 108 एंबुलेंस सेवाएं आमजन को आपात स्थिति में नजदीकी राजकीय अस्पताल में निशुल्क ले जाने हेतु संचालित की जा रही है. ऐसे में किसी एंबुलेंस कार्मिक द्वारा निजी स्वार्थ के फेर में मरीज अथवा परिजनों को गुमराह कर राजकीय अस्पताल की बजाय निजी अस्पताल पहुंचाने जैसी घटनाएं असहनीय है. इस तरह की हरकतों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस संचालन कंपनी जीवीके ईएमआरआई के डिविजनल मैनेजर प्रसून पंड्या से इस बारे में जवाब तलब किया गया है.
एंबुलेंस चालक को किया गया निष्कासित
वहीं डिविजनल मैनेजर प्रसून पंड्या के अनुसार संबंधित एंबुलेंस चालक को निष्कासित करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है एवं अन्य सभी कार्मिको को भी इस संबंध में पाबंद कर दिया गया है ताकि भविष्य में किसी एम्बुलेंस कार्मिक द्वारा इस तरह की घटना नहीं दोहराई जाए.
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