Bundi: मौलाना मुफ्ती के विवादित बयान के बाद गिरफ्तारी की मांग को लेकर किए जा रहे धरने में वीएचपी के दो नेताओं के बीच जमकर लात घूंसे चले. मामले में चित्तौड़ प्रांत के पदाधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए बूंदी व ग्रामीण इलाकों की कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया. संगठन ने अनुशासनहीनता सहित कई मामलों पर में कार्रवाई करते हुए पूरी कार्यकारिणी को भंग किया है। इधर धरने पर हुआ विवाद अभी थमा नहीं था की खाली पड़े पांडाल को नगर परिषद प्रशासन ने उखाड़ दिया और टेंट सहित सामान को जब्त कर ले गए. विवाद होने के बाद अब वीएचपी ने धरना बंद करने का फैसला लिया है. 

विश्व हिंदू परिषद चित्तौड़ प्रांत के प्रांत मंत्री कौशल गौड़ ने कार्यकारिणी भंग करते हुए बताया कि बूंदी में कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे अनुशासन के संबंध में विश्व हिंदू परिषद प्रांत टोली की बैठक आयोजित की गई, जिसमें बूंदी विश्व हिंदू परिषद की जिला ग्रामीण सहित सभी कार्यकारिणी का दायित्व निरस्त करते हुए कार्यकारिणी को भंग करने का फैसला लिया गया है. बैठक में जल्द नई कार्यकारिणी बनाने को लेकर चर्चा की गई. प्रांत मंत्री कौशल गौड़ ने कहा कि आगामी दिनों में संगठन के प्रतिनिधि बूंदी जाएंगे और नए पदाधिकारियों का चयन कर कार्यकारिणी को फाइनल कर दिया जाएगा.

नगर मंत्री-उपाध्यक्ष में हुआ था विवाद 

जिला कलेक्ट्रेट के बाहर पिछले 8 दिनों से वीएचपी का धरना जारी था. इसी बीच गुरुवार को वीएचपी के जिला उपाध्यक्ष महेश जिंदल और नगर मंत्री प्रशांत मोदी के बीच विवाद हो गया. बताया जा रहा है दोनों धरना स्थल पर किसी बात को लेकर चर्चा कर रहे थे तभी शहर में पोस्टर बैनर लगाने पर विरोधाभास होने लगा. बात इतनी बढ़ गई कि मारपीट तक जा पहुंची. फिर क्या था दोनों पक्षों की ओर से लात घुसे चलने शुरू हो गए. जिला उपाध्यक्ष महेश जिंदल का कहना है की प्रशांत मोदी द्वारा बैनर का विवाद छेड़ा गया. विरोध किया तो मारपीट पर उतारू हो गया, जबकि नगर मंत्री प्रशांत मोदी का कहना है की विवाद के दौरान गाली गलौज की गयी और मारपीट करना शुरू कर दिया. इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें दोनों पर एक-दूसरे पर हमला करते दिख रहे हैं. कोतवाली प्रभारी सहदेव मीणा ने बताया की दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया था जिस पर क्रॉस केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. घटना में घायल प्रशांत मोदी को बूंदी से कोटा रेफर कर दिया है. 

नगर परिषद ने वीएचपी के टेंट तंबू को किया जब्त, संगठन ने दी पुलिस में शिकायत

जैसे ही विवाद हुआ तो वीएचपी के धरना स्थल पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. दोनों पक्ष थाने पर रिपोर्ट लिखाने गए ऐसे में जिला कलेक्ट्रेट के बाहर लगा हुआ धरना सूना पड़ गया.  नगर परिषद का अतिक्रमण दस्ता इस दौरान वहां पहुंचा और धरने के टेंट-तंबू जब्त कर ले गया. अधिकारियों का कहना था कि यह धरना बिना अनुमति के लगाया गया था जो हमने हटा दिया है. वीएचपी के पदाधिकारियों ने नगर परिषद की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरीके से किसी संगठन का धरना और उसके सामानों को जब्त करना सरासर गलत है. पदाधिकारियों ने नगर परिषद के उन कर्मचारियों व परिषद् प्रशासन के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दी है और कहा है कि जल्द से जल्द इस रिपोर्ट को दर्ज कर नगर परिषद के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

मौलाना की गिरफ्तारी को लेकर हो रहा था धरनाबता दे कि गत 3 जून को बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर ने भड़काऊ बयान दिया था. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि यदि कोई आंख उठाएगा तो उसकी आंख नोच लेंगे, यदि कोई उंगली उठाएगा तो उसकी उंगली तोड़ देंगे. कोई हाथ उठाएगा तो हाथ काट देंगे. इसी बयान के बाद वीएचपी मौलाना की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठी थी. गौरतलब है कि पूरे राजस्थान भर में मौलना के विरुद्ध प्रदर्शन किये जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें:

CBI Raid on CM Ashok Gehlot Brother: सीएम गहलोत के भाई के घर पर सीबीआई ने मारी रेड, जानें- क्या है पूरा मामला

Rajasthan Tirth Yatra Yojana: राजस्थान में ट्रेन और फ्लाइट से नि:शुल्क कर सकते हैं तीर्थ यात्रा, जल्द करें आवेदन