एयर शो के दौरान, भारतीय वायुसेना का तेजस विमान दुबई में हादसे का शिकार हो गया. यह हादसा भारतीय समयानुसार 21 नवंबर को 3.45 बजे दोपहर में हुई. भारतीय वायुसेना ने हादसे की पुष्टि की और बताया  पायलट की वीरगति को प्राप्त हो गया. तेजस विमान ने पहली बार 2001 में बतौर टेस्ट फ्लाइट उड़ान भरी थी. 23 सालों तक दुर्घटना का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया था. पहली बार तेजस विमान 2024 में राजस्‍थान में दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ था. 25 साल में तेजस विमान दुर्घटना का ये दूसरा मामला है. 

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2024 में पहला तेजस क्रैश

12 मार्च 2024 जैसलमेर में तेजस का यह पहला क्रैश हुआ था. सिंगल-इंजन फाइटर जेट 12 मार्च, 2024 को राजस्थान के जैसलमेर के पास क्रैश हो गया था. तीन सेनाओं ने मिल कर एक्सरसाइज में हिस्सा लिया था और कुछ मिनट बाद पायलट को सुरक्षित निकल लिया था. पायलट के इजेक्ट करने के बाद, प्लेन बिल्कुल सीधा उड़ते हुए क्रैश हुआ था. इंडियन एयर फोर्स LCA स्क्वाड्रन “फ्लाइंग डैगर्स” 1 जुलाई, 2016 से ऑपरेशनल है, जिसमें IOC एयरक्राफ्ट भी शामिल हैं.

क्रैश का कारण

तेजस के पहले क्रैश की चल रही जांच से पता चलता था कि एक्सीडेंट का सबसे संभावित कारण इंजन सीज होना है. इंजन सीज होने की वजह ऑयल पंप में खराबी को बताया गया था.पूरे LCA Mk-1 फ्लीट की सेफ्टी जांच की गई, फाइटर में कोई सेफ्टी समस्या नहीं मिली थी.

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वायुसेना ने क्या कहा?

भारतीय वायुसेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का गठन किया जा रहा है.  एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह विमान स्थानीय समयानुसार दोपहर में एयरशो में हवाई प्रदर्शन के दौरान उड़ान भरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

आईएएफ ने ‘एक्स’ पर जारी एक बयान में कहा, ‘आईएएफ को इस हादसे में हुए जानमाल के नुकसान पर बहुत दुख है और वह दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है. दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का गठन किया जा रहा है.’