शारदीय नवरात्र के दौरान गरबा कार्यक्रमों में मुस्लिम समुदाय के लोगों की एंट्री को लेकर लगातार बहस हो रही है. गरबा विवाद को लेकर अजमेर अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जब मुसलमानों से कह दिया गया है कि हिंदू त्योहारों में वो 'अनवांटेड' हैं, तो मुसलमान नकटे और बेगैरत होकर उसमें क्यों जाना चाहते हैं. यह उन पर निर्भर है कि वे किसे आमंत्रित करना चाहते हैं.

Continues below advertisement

सैयद सरवर चिश्ती ने कहा, "गरबा हिंदुओं का त्योहार है, वो चाहे जिसे बुलाएं और जिसे चाहें न बुलाएं. यह उनका अधिकार है. जैसे हमारे यहां ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है, यहां सभी का स्वागत है. हम तो किसी को रोकते नहीं हैं.''

'अगर वो गरबा में रोक रहे तो मुसलमान वहां जा क्यों रहे'

गरबा विवाद पर अजमेर अंजुमन कमेटी के सचिव आगे कहा, ''अगर वो रोक रहे हैं तो आप वहां जा क्यों रहे हो? अगर आप अनवांटेड हो तो वहां मुसलमानों को नहीं जाना चाहिए. उनकी अपनी दलील है, उनका अपना त्योहार है.'' 

बजरंग दल ने दी है चेतावनी

बजरंग दल ने साफ तौर से चेतावनी देते हुए कहा कि जिन आयोजकों द्वारा इन गाइडलाइनों का पालन नहीं किया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जारी पोस्टर में धार्मिक मर्यादा बनाए रखने, पारंपरिक परिधान और मर्यादित वातावरण पर खास जोर दिया गया. बजरंग दल का कहना है कि चूंकि गरबा एक हिंदू महोत्सव है, इसलिए पंडाल में सिर्फ सनातनी हिंदुओं को ही एंट्री की इजाजात हो. एंट्री करने वालों को प्रमाणिक आई-कार्ड अनिवार्य रूप से जांचा जाए.

हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले ही नवरात्रि में शामिल हों-VHP

विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने भी नवरात्रि उत्सव को लेकर साफ किया कि यह कोई साधारण मनोरंजन कार्यक्रम नहीं, बल्कि मां दुर्गा की भक्ति और अनुष्ठान से जुड़ा पवित्र पर्व है. उन्होंने कहा कि गरबा और डांडिया जैसे आयोजनों में धार्मिक परंपराओं का पालन अनिवार्य है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि नवरात्रि में सिर्फ वही लोग शामिल हों जो हिंदू धर्म और मूर्ति पूजा में विश्वास रखते हैं.