जयपुर: राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Vidhansabha) में 11 से 12 जनवरी तक राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों और सचिवों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का बुधवार को सुबह राजस्थान विधानसभा में उद्घाटन करेंगे. सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे.सम्मेलन में स्वागत उद्बोधन राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी देंगे.


राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चन्द कटारिया समेत देशभर से आए पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में मौजूद रहेंगे.सम्मेलन की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. करीब 10 साल के बाद एक बार फिर से राजस्थान विधान सभा को यह अवसर मिला है.यह आयोजन केंद्रीय  संसदीय कार्य मंत्रालय और लोकसभा कार्यालय की ओर से किया जाएगा. इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.


सम्मेलन में इन मसलों पर चिंतन


जानकारी के अनुसार इस सम्मेलन में लोकतंत्र, संसदीय कार्य प्रणाली,विधायिका-कार्यपालिका के महत्व, चुनौतियां, नियमों, व्यवस्थाओं और संस्थानों जैसे मुद्दों पर चर्चा और मंथन किया जाएगा.चिंतन के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी जो सभी विधानसभाओं में भेजी जाएगी.इस चिंतन और मंथन का उपयोग भविष्य में संसद या राज्यों की विधानसभाओं में किसी नियम प्रक्रिया,व्यवस्था के लिए किया जाएगा.इससे एक अन्य विधानसभाओं के लिए के बड़ा संदेश दिया जाएगा.


आज से 10 साल पहले भी हुआ था राजस्थान में सम्मेलन


यही कार्यक्रम 10 वर्ष पहले राजस्थान में हुआ था.उस समय भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही थे.इसलिए सबकी नजरें अशोक गहलोत पर टिकीं हुई हैं.    साल 2012 में विधानसभा अध्यक्षों और विधान परिषदों के प्रमुखों का सम्मेलन राजस्थान विधानसभा में कराया गया था.उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी और डॉ. सीपी जोशी केंद्रीय रेल और सड़क परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे थे.उस दौरान श्रीमाधोपुर से विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष हुआ करते थे.रोचक बात है कि विधान सभा अध्यक्ष बदल गए लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आज भी अशोक गहलोत ही विराजमान हैं.


ये भी पढ़ें


Rajasthan Politics: गजेंद्र सिंह शेखावत का कांग्रेस पर हमला, कहा-भारत को तोड़ने वालों से हाथ नहीं मिलाएगी जनता