राजस्थान की राजधानी जयपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज में तैनात न्यूरो सर्जरी विभाग के HOD और एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. मनीष अग्रवाल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. डॉ. अग्रवाल को एसीबी की टीम ने उनकी क्लीनिक से ट्रैप कर गिरफ्तार किया.

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शिकायत और सहयोगी की हिरासत

एसीबी के एडिशनल एसपी संदीप सारस्वत ने बताया कि ब्यूरो को एक शिकायत मिली थी, जिसमें परिवादी ने बताया कि वह न्यूरो सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्रेन कॉइल की सप्लाई करता है. परिवादी के मुताबिक बिल पास करने और काउंटर सिग्नेचर करने के एवज में डॉ. मनीष अग्रवाल एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे.

शिकायत के बाद एसीबी ने वेरिफिकेशन किया और ट्रैप कार्रवाई में डॉ. अग्रवाल को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. उनके सहयोगी जगत सिंह को भी हिरासत में लिया गया. ASP संदीप सारस्वत ने बताया कि परिवादी का करीब ₹12 लाख 50 हजार का बिल बकाया था और 1 लाख रुपये की डील तय की गई थी.

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ट्रामा सेंटर हादसा और विभाग की गंभीरता

गिरफ्तार डॉ. मनीष अग्रवाल SMS मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल और न्यूरो सर्जरी विभाग के HOD हैं. चार दिन पहले उनके ट्रामा सेंटर में आग लगी थी, जिसमें कई मरीजों की मौत हुई. जिस ICU में आग लगी वह भी न्यूरो सर्जरी विभाग का ही था. इससे यह स्पष्ट होता है कि जिस विभाग का हेड रिश्वतखोरी में व्यस्त था, वह व्यवस्थाओं के प्रति कितनी गंभीरता से काम करता होगा.