रेलवे जंक्शन की लंबे समय से लंबित मांग को लेकर मंगलवार को लेकर सिरोही का पिंडवाड़ा शहर पूरी तरह बंद रहा. पिंडवाड़ा जन संघर्ष समिति के आह्वान पर हुए इस बंद में व्यापारियों, ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने एकजुट होकर भागीदारी निभाई. सुबह से ही बाजार, प्रतिष्ठान, निजी संस्थान बंद रहे, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ. बंद के बीच अम्बेडकर भवन से उपखंड अधिकारी कार्यालय तक विशाल जनआक्रोश रैली निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए.

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पिंडवाड़ा के बजाय स्वरूपगंज में रेलवे सर्वे किए जाने के निर्णय से नाराज दिखे. हाथों में तख्तियां, बैनर और पोस्टर लिए प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन और रेलवे विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. “पिंडवाड़ा का हक, पिंडवाड़ा को दो”, “रेलवे जंक्शन नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा” जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा.

बंद का असर बाजार रहे पूरी तरह बंद, पुलिस बल रहा तैनात

बंद के चलते पिंडवाड़ा के मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अधिकांश प्रतिष्ठान बंद रहे. यातायात भी आंशिक रूप से प्रभावित हुआ. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से भारी पुलिस बल तैनात किया गया. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने रैली मार्ग पर निगरानी रखी, हालांकि आंदोलन शांतिपूर्ण रहा.

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एसडीएम नरेंद्र जांगिड़ को सौंपा मांगों का ज्ञापन

रैली के समापन पर प्रतिनिधिमंडल ने उपखंड अधिकारी नरेंद्र जांगिड़ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में पिंडवाड़ा में रेलवे जंक्शन स्थापित करने, स्वरूपगंज में प्रस्तावित रेलवे सर्वे के निर्णय पर पुनर्विचार करने तथा क्षेत्रीय जनभावनाओं का सम्मान करने की मांग की गई. जन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पिंडवाड़ा भौगोलिक, सामाजिक और व्यापारिक दृष्टि से रेलवे जंक्शन के लिए उपयुक्त स्थान है.

भौगोलिक स्थिति और यात्री भार का दिया हवाला

आंदोलनकारियों का तर्क है कि पिंडवाड़ा सिरोही जिले का महत्वपूर्ण औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र है. यहां से बड़ी संख्या में लोग रोजाना आबूरोड, उदयपुर, जोधपुर और अहमदाबाद की ओर यात्रा करते हैं. इसके बावजूद रेलवे जंक्शन जैसी बुनियादी सुविधा से क्षेत्र आज भी वंचित है. उन्होंने कहा कि पिंडवाड़ा में जंक्शन बनने से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि व्यापार, उद्योग और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.

'चेतावनी मांगें नहीं मानी तो होगा बड़ा आंदोलन'

जन संघर्ष समिति ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि रेलवे सर्वे और जंक्शन के संबंध में पिंडवाड़ा के साथ न्याय नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन धरना, क्रमिक भूख हड़ताल और बड़े स्तर पर जन आंदोलन किया जाएगा. समिति ने कहा कि यह केवल एक शहर की नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास की लड़ाई है.

दिनभर चले बंद और जनआक्रोश रैली ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान एक बार फिर पिंडवाड़ा की रेलवे जंक्शन मांग की ओर खींच दिया है. अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस जनदबाव को कितनी गंभीरता से लेता है.