राजस्थान की सियासत में बड़ी हलचल चल रही है. विपक्षी दल कांग्रेस के सीनियर नेता सचिन पायलट का एक कदम सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल, राजस्थान विश्वविद्यालय (RU) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में तोड़फोड़ करने का मामला सामने आया था, जिसमें नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया.
 
इससे पहले कई घंटों तक विनोद जाखड़ को अलग-अलग थानों में रखा गया, लेकिन किसी भी नेता ने विनोद जाखड़ से थाने जाकर मुलाकात करना मुनासिब नहीं समझा. न ही सचिन पायलट उनसे मिलने गए, जबकि जाखड़ सचिन पायलट के करीबी भी माने जाते रहे हैं.

सचिन पायलट खेमे ने क्यों बनाई दूरी?

एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ से मिलने कोई नेता आखिर क्यों नहीं गया, यह सवाल अब उठ रहा है. क्योंकि विनोद जाखड़ और निर्मल चौधरी दोनों सचिन पायलट गुट के माने जाते हैं. हालांकि, एक ही गुट मे होने के बावजूद निर्मल चौधरी को जब हिरासत में लिया गया था तब सचिन पायलट गुट के विधायकों ने थाने में जाकर मुलाकात भी की और पुलिस कमिश्नर को इस मामले में ज्ञापन भी सौंपा.
 
वहींं, दूसरी तरफ विनोद जाखड़ जो कि खुद कई बार अपना नेता सचिन पायलट को बता चुके हैं. जब पुलिस ने विनोद जाखड़ को दो दिन तक अलग-अलग थानों में रखा. इस दौरान सचिन पायलट गुट के नेताओं ने उनसे दूरी बना ली है. मामले में कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सिर्फ खानापूर्ति कर ली.
 
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ खुले मंच पर सचिन पायलट को अपना नेता बता चुके हैं, लेकिन दो दिनों तक अलग-अलग थानों में रहने के दौरान अपने ही गुट के नेताओं से दूरी बनाकर रखी. इसकी वजह आखिर क्या है? ना तो किसी नेता ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से बात की और ना ही इस मामले को लेकर कोई उनसे थाने में मुलाकात करने पहुंचा. राजस्थान विश्वविद्यालय में हुए आरएसएस के कार्यक्रम में तोड़फोड़ मामले में कल उन्हें न्याय हिरासत में भेजा गया है.

विनोद जाखड़ का राजनीतिक सफर 

विनोद जाखड़ राजस्थान विश्वविद्यालय से निर्दलीय अध्यक्ष रह चुके हैं. विनोद जाखड़ ने जयपुर में एक सभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी मे कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके बाद वह अशोक गहलोत गुट को छोड़कर सचिन पायलट गुट के साथ चले गए और तकरीबन साल भर पहले उन्हें एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.
 
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ हुई मारपीट मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घायल कार्यकर्ताओं से मिलने एसएमएस अस्पताल भी पहुंचे उससे पहले प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा,पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी घायलों से मुलाकात की.
 
इस पूरे प्रकरण में अब सचिन पायलट गुट कि विनोद जाखड़ से बनाई दूरी को लेकर चर्चाएं हो रही हैं कि आखिर सचिन पायलट गुट का कोई भी नेता विनोद जाखड़ या अस्पताल में भर्ती कार्यकर्ता से मिलने क्यों नहीं पहुंचा?