राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने AI से बनाए गए फेक वीडियो को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने निराशा जताते हुए कहा है कि यह बात सामने रख रहा हूं, फेक AI वीडियो को अभी लंबा रास्ता तय करना है. उन्होंने 'डी-इन्टेंट डेटा' (D-Intent Data) के उस पोस्ट को भी शेयर किया है, जिसमें अल्टर्ड वीडियो और वास्तविक वीडियो के बारे में जिक्र किया गया है.

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'डी-इन्टेंट डेटा' ने सचिन पायलट के वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा अकाउंट भारतीय राजनेता सचिन पायलट का डिजिटल रूप से संशोधित वीडियो प्रसारित कर रहे हैं, जिसमें झूठा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कहा था कि वह ऑक्सफोर्ड यूनियन में भारत-पाकिस्तान डिबेट के लिए तैयार हैं लेकिन मोदी सरकार के दबाव में बाहर हो गए. ये दावे पूरी तरह से झूठे और मनगढ़ंत हैं. वीडियो को डिजिटल रूप से हेरफेर किया गया है और इसे पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा नेटवर्क से भारत के खिलाफ चल रहे दुष्प्रचार अभियान के तहत तैयार किया गया है.

असली वीडियो में सचिन पायलट क्या कह रहे?

पोस्ट में सचिन पायलट का ऑरिजनल वीडियो भी शेयर किया गया है. इस में वो कह रहे हैं, ''मैं विनोद जाखड़ जो एनएसयूआई राजस्थान के अध्यक्ष हैं, उनसे जेल के अंदर मिलना चाहता था. उनको डिटेन किया गया है, उन पर धारा लगाई गई है. यूनिवर्सिटी में आरएसएस के माध्यम से शस्त्र पूजन करना चाहते थे, जिसका विनोद जाकड़ ने विरोध किया. उनके ऊपर लाठीचार्ज भी किया गया.''

विनोद जाखड़ को टारगेट किया गया- सचिन पायलट

वीडियो में कांग्रेस नेता आगे कहते दिख रहे हैं, ''एक तरह से विनोद जाखड़ को टारगेट किया गया है क्योंकि वो दलित परिवार से आते हैं. मैंने जेल में उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन मुझे मिलने नहीं दिया गया. न्यापालिका पर मुझे भरोसा है, हमें न्याय मिलेगा लेकिन किसी का उत्पीड़न करना, यातना देना और किसी को टारगेट करना गलत है.''