Rana Sanga News: समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन (Ramji Lal Suman) की ओर से राजपूत शासक राणा सांगा पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सोमवार (24 मार्च) को राजस्थान विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. बीजेपी ही नहीं बल्की करणी सेना भी भड़क उठी है. हालांकि मामला गरमाता देख कर रामजी लाल सुमन ने सोमवार (24 मार्च) अपने बयान पर सफाई भी दी है.

बीजेपी विधायक श्रीचंद कृपलानी ने 'सूचना के बिंदु' के तहत इस टिप्पणी पर कार्रवाई की मांग की. हालांकि, कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि राज्यसभा सदस्य सुमन की टिप्पणी पर विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती. इस पर बीजेपी विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और सवाल किया कि राणा सांगा जैसे महापुरुष का अपमान क्यों चर्चा योग्य नहीं है.

बीजेपी का कांग्रेस पर आरोपबीजेपी विधायकों ने कांग्रेस पर इस टिप्पणी का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस का रुख सीधे तौर पर साफ है कि आप रामजी लाल सुमन के साथ हैं. कांग्रेस ने खुद को बेनकाब कर दिया है और सभी को दिख रहा है कि आप मुगलों के पक्ष में खड़े हैं."

कांग्रेस की सफाई और तीखी बहससरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि कांग्रेस, सुमन का साथ दे रही है, जिन्होंने राणा सांगा का अपमान किया है. इस मुद्दे पर सदन में तीखी बहस हुई और बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस से इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की.

क्या थी रामजी लाल सुमन की टिप्पणी?21 मार्च को लोकसभा सदन में चर्चा के दौरान सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा था कि बाबर को भारत लाने वाला राणा सांगा ही थे, क्योंकि उन्हें इब्राहिम लोदी को हराना था. उन्होंने कहा, "मुस्लमान तो बाबर की औलाद हैं पर तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो, सब बाबर की आलोचना करते हैं, लेकिन राणा सांगा की आलोचना नहीं करते हैं."

रामजी लाल सुमन की सफाईहालांकि विवाद बढ़ने के बाद समाजवादी पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन ने अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "मैंने संसद में कहा था कि बाबर को भारत बुलाने वाले राणा सांगा थे, ताकि वे इब्राहिम लोदी को हरा सकें. मेरा उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. मैं किसी भी धर्म में विश्वास करूं या न करूं, लेकिन किसी अन्य धर्म के अनुयायियों की भावनाओं के साथ खेलने का अधिकार किसी को नहीं है.

उन्होंने कहा कि मेरा बयान न तो किसी जाति के खिलाफ था, न ही किसी वर्ग या धर्म के खिलाफ. मैं इस देश की मिट्टी के लिए बलिदान देने वाले सभी वीरों को नमन करता हूं. मेरा इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था.

राणा सांगा का इतिहासराणा सांगा मेवाड़ के 16वीं सदी के प्रसिद्ध शासक और महाराणा प्रताप के दादा थे. उनकी वीरता और संघर्ष की कहानियां इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखी गई हैं. ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राजस्थान की राजनीति गरमा गई है.

इस विवाद के बाद सदन में माहौल तनावपूर्ण बना रहा और दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा. बीजेपी ने इसे राजपूत समाज का अपमान बताया, जबकि कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी इसे अनावश्यक तूल दे रही है. इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और सदन की कार्यवाही बाधित रही.