Ram Mandir Inauguration: राम काज में हर कोई किसी ना किसी रूप में अपनी भागदारी निभाने को आतुर है. कोटा में पहले दो भाइयों ने अयोध्या राम मंदिर का मोमेंटो बनाया था और अब दो सगे भाइयों ने सोने और चांदी की झाड़ू बनाया है. झाड़ू भी बेहद खास है. अयोध्या में भगवार श्रीराम के गर्भ गृह की सफाई इन सोने चांदी की झाड़ू से होगी. आपसी भाईचारा और गंगा जमुनी तहजीब का यह झाड़ू प्रत्यक्ष उदाहरण है. इस झाड़ू के ऑनर जैन हैं, तो बनाने वाले मुस्लिम परिवार के हैं. ऐसा भी प्रयास किया जा रहा है कि यह विश्व रिकॉर्ड लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हो, इसके लिए भी डिटेल मांगी गई है, जिसे भेजा जा रहा है.


झाड़ू का व्यवसाय करने वाले राहुल जैन ने बताया कि वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री की तरफ से स्वच्छता अभियान का आगाज किया गया था. उस समय भी उन्होंने विशेष झाड़ू बनाई थी, लेकिन वह उन्हें दे नहीं सके और वह झाड़ू आज भी उनके पास है. हालांकि वह कहते हैं कि उनके पास प्रधानमंत्री कार्यालय से सूचना आई थी कि वह शीघ्र ही उन्हें सूचित करेंगे. उसके बाद ही इन्हें अयोध्या में श्रीराम गर्भगृह के लिए
झाड़ू बनाने का विचार आया.


झाड़ू में होता है लक्ष्मी का वास 


राहुल जैन करीब 24 साल से झाड़ू बनाने का कार्य कर रहे हैं. उनके पिता कोटा के पहले देहदानी थे और परिवार से ही उन्हें कुछ करने की चाहत की प्रेरणा मिली है. दीपावली के दिन नए झाड़ू की खरीद की जाती है और लक्ष्मी जी का वास झाड़ू में होता है ऐसा कहा जाता है. सोने और चांदी की झाड़ू से भगवान के मंदिर की सफाई होगी तो हमे गर्व होगा. सात दिन में यह झाड़ू तैयार की गई है. हर्ष जैन का कहना है कि 22 जनवरी के बाद इस झाड़ू को अयोध्या में सौंपा जाएगा. इस झाड़ू में देश की सबसे अच्छी घास लगाई गई है, जो मिजोरम में होती है. उन्होंने कहा कि सोने की झाड़ू पर सोने की परत है और चांदी की झाड़ू को चांदी से जड़ित किया गया है. इस झाड़ू में घास भी विशेष लगाई गई है, इस झाड़ू की घास जब भी खराब होगी या समय से पहले अयोध्या जाकर इसे बदला जाएगा.


मंदिर में रखकर झाडू को किया शुद्ध 


दोनों भाइयों का कहना है कि इस झाड़ू को बनाने में कई लोगों का सहयोग रहा है और कई जगह इसे लेकर गए हैं, ऐसे में कहीं झाड़ू अशुद्ध नहीं हो जाए इसके लिए इसकी शुद्धी के लिए इसे कोटा स्थित गोदावरी धाम के बालाजी के मंदिर में रखवाकर शुद्ध किया गया है. इस दौरान श्रद्धालुओं ने इस झाड़ू के दर्शन भी किए.


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