Rajasthan News: राजस्थान में मानसून के बाद प्रदेश के कई जिलों में मौसमी बीमारियां अपने पैर पसार रही हैं. स्वच्छता विभाग की ओर बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने प्रदेश के आठ जिले के अधिकारियों के साथ  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालात का फीडबैक लिया. साथ ही संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं. मलेरिया, डेंगू और स्क्रब टायफस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए बुधवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रदेश के सबसे अधिक प्रभावित आठ जिलों को स्वास्थ्य विभाग ने चिंहित किया है.


अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कोटा, हनुमानगढ, सीकर, गंगानगर, झुन्झुनू, उदयपुर, पाली और बाड़मेर में मौसमी बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण गतिविधियों की समीक्षा की. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग से जारी कार्ययोजना की सख्ती से पालना करने के निर्देश जारी किए. अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक गतिविधियां और सोर्स रिडक्सन, एन्टीलार्वल, एन्टी एडल्ट और आईईसी गतिविधियां प्रभावित क्षेत्रों में विशेष अभियान योजना बनाते हुए फील्ड किया जाए.


अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने क्या कहा
उन्होंने कहा कि जल भराव वाले क्षेत्रों को अपने स्तर पर ही खाली करने के लिए आमजन को  समझाया जाए. समझाने के बाद भी अगर कोई उल्लंघन करे तो नगर निगम के माध्यम से नोटिफाईबल डिजीज एक्ट के उसका चालान काटा जाए. शुभ्रा सिंह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन मौसमी बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए की जा रही गतिविधियों की नियमित रूप से समीक्षा करे. साथ ही नगर निगम चिकित्सा विभाग से समन्वय कर फोगिंग गतिविधियों हेतु कार्य योजना बनाते हुए इसके संबंध में आमजन को जागरूक करने के लिए फोगिंग से पूर्व माइक से अनाउंसमेंट और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रभावी प्रचार-प्रसार करे. जल भराव वाले क्षेत्रों में एन्टीलार्वल गतिविधियां की जाएं.


इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संबंधित जिलों के एडीएम, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और नियंत्रक, माईक्रोबॉयोलोजी व मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष, स्वायत्त शासन के प्रतिनिधिगण और चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे. वहीं मौसमी बीमारियों के इंचार्ज डॉक्टर निर्मल शर्मा ने बताया कि राजस्थान में मौसमी बीमारी डेंगू के 6300 एक्टिव केस हैं और 6 मौतें हो चुकी है. वहीं मलेरिया के 1543 मामले  सामने आए हैं. ऐसे ही चिकनगुनिया के 138 केस सामने आ चुके हैं.


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