Rajasthan Congress Row: देश में पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस में कलह भी सामने आ रही है. नेता बयान बाजी कर कांग्रेस व पार्टी के नेताओं को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा के चुनाव 2023 में होने हैं, उससे पहले ही राजस्थान में कहीं पर भी कोई कार्यक्रम हो और राजनीतिक बयानबाजी ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता. पिछले दिनों से वार पलटवार का दौर जारी है.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सचिन पायलट पर एक बयान दिया था और कहा था कि सचिन पायलट को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दिलवाने के लिए मैंने सिफारिश की थी. जयपुर के महारानी कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने वैभव गहलोत पर ऐसा बयान दिया है जिससे सियासी गलियारों में एक बार फिर गहलोत व पायलट गुट को लेकर चर्चा तेज हो गई है.


सचिन पायलट ने किया पलटवार


जयपुर के महारानी कॉलेज में हुए कार्यक्रम के आयोजन में मीडिया ने सचिन पायलट से मुंबई में वैभव गहलोत पर दर्ज हुई एफआईआर को लेकर सवाल किया गया तो पायलट ने जवाब देते हुए कहा कि एफआईआर को लेकर वैभव गहलोत ने स्पष्टीकरण दे दिया है. इसके अलावा मुझे इस पर कुछ नहीं कहना लेकिन वैभव मेरे साथ मेरी कमेटी में महासचिव रह चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में वैभव गहलोत ने जोधपुर लोकसभा सीट से दावेदारी की थी, हालांकि उस समय कांग्रेस नेतृत्व उनके चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं था.


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पायलट ने कहा मैंने दिलाया था टिकट


जोधपुर से सिर्फ एक सिंगल नाम ही सामने आया था, वह इसलिए कि किसी प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात की थी और मैं यही चाहता था कि मेरे पीसीसी चीफ रहते कोई निराश नहीं हो. उस समय अशोक गहलोत नए-नए मुख्यमंत्री बने थे और मैं यह नहीं चाहता था कि उनके मनोबल को कोई ठेस पहुंचे. हालांकि कांग्रेस लोकसभा चुनाव काफी मार्जिन से हार गई थी, लेकिन एमपी में भी कमलनाथ के बेटे को टिकट दिया और वह जीत गए थे.


राजस्थान कांग्रेस में तल्ख बयानबाजी पिछले कुछ सालों से देखी जा रही है. जब-जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर कोई बयान दिया है तो उसके तुरंत बाद सचिन पायलट भी बयानबाजी में पीछे नहीं रह रहे हैं. होली स्नेह मिलन को लेकर सचिन पायलट ने राज्यपाल से मुलाकात कर एक बार फिर सबको चौंकाने का काम किया.


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