Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर द्वारा कल एक अक्टूबर रविवार को राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2023 (प्रारम्भिक) आयोजित की जाएगी. इसके लिए 46 जिलों में 258 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं. इसके साथ ही 6 लाख 97 हजार स्टूटेंड परीक्षा देंगे. वहीं भरतपुर जिले में परीक्षा के लिए 84 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं. जिले में आरएएस परीक्षा में 23 हजार 665 स्टूटेंड भाग लेंगे. आरएएस प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, परीक्षा केन्द्र पर स्टूटेंड का प्रवेश परीक्षा समय से एक घंटे पहले तक रहेगा. वहीं जो स्टूटेंड परीक्षा शुरू होने के समय से 60 मिनट पहले नहीं पहुंचेंगे उन्हें परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. 


वहीं स्टूटेंड द्वारा किसी भी प्रकार की सामग्री से सहायता लेना या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग करते पाए जाने पर या किसी दूसरे व्यक्ति के स्थान पर परीक्षा देने पर दंडित किया जाएगा. साथ ही प्रश्न पत्र को लीक करना या लीक करने का प्रयास या षड्यंत्र करना, प्रश्न पत्र को अवैध रूप से हल करने का प्रयास करना, सहायता मांगना, लापरवाही से भर्ती परीक्षा से संबंधित कोई भी अपराध करने वाले व्यक्ति को दंड के साथ सम्पूर्ण परीक्षा व्यय की वसूली करते हुए सदैव के लिए प्रतिबंधित किया जायेगा.   


स्टूटेंड को ये डॉक्यूमेंट लाने होंगे साथ  
आरएएस की परीक्षा देने वाले स्टूटेंड को परीक्षा केंद्र पर मूल आधार कार्ड लेकर जाना होगा. साथ में प्रवेश कार्ड भी रखना होगा. वहीं स्टूटेंड को गहनता से जांच करने के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जायेगा.  वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र शर्मा के अनुसार, परीक्षा केंद्रों पर आवश्यक पुलिस बल तैनात किया जाएगा और परीक्षा केन्द्र पर स्टूटेंड के प्रवेश के समय गहनता से जांच की जाएगी. परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षक पेपर की बॉक्सिंग व अनबॉक्सिंग के समय विशेष सजगता का ध्यान रखेंगे. साथ ही अनावश्यक व्यक्ति का परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं होने दिया जायेगा.


नकल करते पाए जाने पर होगी कार्रवाई
जिला परीक्षा समन्वयक एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन रतन कुमार ने बताया कि, नकल को रोकने के लिए राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2022 के प्रावधानों के अधिनियम के अनुसार, परीक्षा के संचालन में किसी भी गतिविधि में अनुचित साधनों का प्रयोग दंडनीय अपराध है. ऐसा किये जाने पर न्यूनतम 10 साल या आजीवन कारावास तक के दंड और न्यूनतम 10 लाख रुपये से10 करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. ऐसे परीक्षार्थी को भर्ती परीक्षा देने से वर्जित भी किया जायेगा.



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