Rajasthan Rainfall: राजस्थान में मौसम का मिजाज बदल गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, 24 घंटे के भीतर कहीं हल्की, तो कहीं तेज बारिश की संभावना जताई गई है. इसके साथ ही ओलावृष्टि की आशंका भी है. अचानक मौसम में हुए बदलाव और बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. 

फसलों के लिए फायदेमंद है बारिशदरअसल, ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की किल्लत के चलते समय पर फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही थी. ऐसे में यह मौसम का बदलाव और बारिश फसलों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है. बारिश के जरिए फसलों की सिंचाई के साथ ही ठंड पड़ने से फसलों को फायदा होने की बात कही जा रही है. 

मौसम बदलने से बढ़ी ठिठुरन हालांकि, मौसम बदलने से ठिठुरन बढ़ गई है, जिसकी वजह से आम जनजीवन को थोड़ी परेशानी का सामना जरूर करना पड़ रहा है. दरअसल, जोधपुर जिले में मौसम में बदलाव के साथ ही क्षेत्र में रविवार सुबह से ही हल्की बारिश हो रही है. मावठ की इस बरसात को रबी की फसलों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है. हालांकि, किसान ओलावृष्टि को लेकर भी आशंकित व चिंतित है. 

अमृत साबित होगी बारिशदरअसल, हाल ही में पाला गिरने से अरंडी, सरसों, इसबगोल सहित विभिन्न फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. ऐसे में अगर इस समय पर्याप्त बरसात होती है तो बची हुई फसलों के लिए यह मरहम का काम करेगी. जिले में रबी सीजन के दौरान 5 लाख 65 हजार हेक्टेयर में फसलें बोई हुई है. इनमें अरंडी और सरसों की कटाई शुरू हो चुकी है. वहीं, मेथी और प्याज की बुवाई चल रही है.

भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि इस समय फसलों को सिंचाई की काफी आवश्यकता है. ऐसे में अगर ठीक-ठाक बारिश होती है और ओलावृष्टि नहीं होती है, तो रबी सीजन की फसलों के लिए यह वरदान सिद्ध होगी. पाले से जलने से बची हुई फसलों के लिए इस समय की बरसात मरहम के तौर पर काम करेगी.

रबी सीजन की खेतों में खड़ी फसलें

फसल   बुवाई हेक्टर
जीरा   165500
सरसो         202000
इसबगोल   32700
चना          48700
गेहूं           69800
तारामीरा     16800
मेथी         10200
अरंडी      25000
लहसुन     10000
प्याज       17000
अन्य        17800

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