भारतीय आदिवासी पार्टी (BPT) के डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा से विधायक राजकुमार रोत द्वारा रामायण के पात्रों पर दिए गए बयान का विरोध तेज हो गया है. कई संगठनों ने विरोध करते हुए कार्रवाई की मांग रखी है. दरअसल, विधायक राजकुमार रोत विधानसभा सत्र के दौरा मीडिया से जयपुर में बात करते हुए रामायण के पात्रों को काल्पनिक बताया था. इसके बाद लगता जनजाति संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है. 


क्या कहा संगठनों और क्या रखी मांग जानिए

 

इस मामले में डूंगरपुर की जनजाति धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया है. पदाधिकारी सुभाष रोत ने बताया कि ज्ञापन के अनुसार विधायक राजकुमार रोत ने रामायण और रामायण के पात्रों को काल्पनिक बताते हुए वक्तव्य दिया. उनके द्वारा रामायण के पात्रों को काल्पनिक बताने से हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

 

भारतीय संविधान के पृष्ठों पर भी संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भगवान श्रीराम को भारत की नैतिक सांस्कृतिक तथा राजनैतिक मूल्यों का आदर्श मानते हुए उनकी तस्वीरों को स्कैच किया है. हमारा दैनिक जीवन में अभिवादन ही राम-राम है. उनके महान कार्यों के कारण वह हमारे आदर्श हैं. 

 

विधायक राजकुमार रोत द्वारा हमारे महापुरुषों को काल्पनिक बताने से हमारे सनातनी जनजाति हिंदू समाज और सम्पूर्ण हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. भारतीय दण्ड संहिता 1880 की धारा 995ए के अनुसार अगर कोई व्यक्ति भारतीय समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से दुर्भावना पूर्ण जानबुझ कर कोई काम करता है या ऐसा कोई बयान देता है, उसे दोषी माना जाएगा. इस बयान से भारत के सम्पूर्ण सनातनी समाज की भावनाए आहात हुई हैं. इसलिए इसके विरुद्ध विधि अनुसार कार्रवाई की जाए. इनके अलावा उदयपुर जिले के कोटड़ा जनजातीय क्षेत्र के युवाओं ने भी राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया है. उन्होंने धार्मिक भावना आहत करने पर एफआईआर दर्ज करने की मांग रखी है.