Jaipur News: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) मिशन 2023 की तैयारियों में जुट गई है. प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने शेखावाटी से चुनावी शंखनाद भी कर दिया है. अब जल्द ही प्रत्येक संभाग में जिला, मंडल और बूथ स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसके लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कवायद शुरू कर दी है. इस बीच 12 से अधिक जिलाध्यक्षों ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ने की पेशकश की है. चर्चा है कि इनमें कुछ नाम ऐसे हैं जिन्हें टिकट मिलने के कोई आसार नहीं है. कहीं ऐसा न हो कि इन नेताओं को विधायक का टिकट न मिले और पार्टी का पद भी चला जाए.
इन नेताओं ने की पद छोड़ने की पेशकशपार्टी के जिन नेताओं ने पद छोड़ने की पेशकश की है उनमें भरतपुर जिला अध्यक्ष शैलेश सिंह, बाड़मेर जिला अध्यक्ष आदूराम मेघवाल, भीलवाड़ा जिला अध्यक्ष लादू लाल तेली, सीकर जिलाध्यक्ष इंद्रा चौधरी, करौली जिला अध्यक्ष बृजलाल ढिकोलिया, टोंक जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पराणा, जयपुर शहर जिलाध्यक्ष राघव शर्मा, जोधपुर शहर जिलाध्यक्ष देवेंद्र जोशी, बीकानेर देहात जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत, अजमेर देहात जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा, अलवर दक्षिण जिलाध्यक्ष संजय सिंह नरूका, अलवर उत्तर जिलाध्यक्ष बलवान सिंह यादव, चुरू जिलाध्यक्ष धर्मवीर पुजारी, झुंझुनू जिला अध्यक्ष पवन कुमार मावंड़िया का नाम शामिल है.
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संगठन की गतिविधियों में निष्क्रिय होने के आरोपपार्टी सूत्रों के मुताबिक, जिन जिलाध्यक्षों ने पद छोड़ने की पेशकश की है उनमें कुछ ऐसे भी हैं जो संगठन की गतिविधियों में सक्रिय नहीं थे. इन नेताओं से पार्टी आलाकमान नाराज थे. निष्क्रियता और नाराजगी के कारण ही पार्टी ने इन्हें पद छोड़ने की नसीहत दी थी ताकि इन पदों पर नई नियुक्तियां की जा सके. ऐसा करने से पार्टी में कोई विवाद भी नहीं होगा.
तो होगी नई नियुक्तियांबताया जा रहा है कि आगामी चुनाव के मद्देनजर जल्द ही बीजेपी संगठन में फेरबदल हो सकता है. पार्टी जिलाध्यक्षों के अलावा कई मंडल अध्यक्ष भी बदले जा सकते हैं. संगठन में पदों पर बैठे निष्क्रिय नेताओं की पार्टी जल्द ही छुट्टी करने वाली है. मंडल, मोर्चों और प्रकोष्ठों का नवीनीकरण कर सूबे में सत्ता वापसी के लिए रणनीति तैयार की जाएगी. पार्टी को उम्मीद है कि नई नियुक्तियों से संगठन में सक्रियता बढ़ेगी.