Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी से कांग्रेस (Congress) के विधायक और कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी (Hemaram Chaudhary) सचिन पायलट (Sachin Pilot) के पक्ष में खुलकर आ गए हैं. उनका कहना है कि अगर सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया गया, तो आने वाले दिनों में पार्टी को बड़ा नुकसान होगा. 25 सितंबर के जयपुर घटनाक्रम पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई. ये अच्छा संदेश नहीं है.
हेमाराम चौधरी ने मांग की है कि सीएलपी बैठक के दौरान विधायकों की बगावत पर आलाकमान जल्द से जल्द कार्रवाई करे. क्योंकि इसके बिना कोई बात मान्य नहीं होगी. चौधरी ने कहा कि उनकी तो उम्र हो चुकी है. 50 साल से राजनीति में हैं. अब नवयुवकों को अवसर मिलना चाहिए. मंत्री के इस बयान को सचिन पायलट के पक्ष में जोड़कर देखा जा रहा है.
आने वाले दिनों में बदलेगा मौसमहेमाराम ने कहा कि राजनीतिक खिलाड़ी नहीं हूं. पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं. इस बार बारिश खूब हुई है, ठंड अभी आई नहीं है. लेकिन आने वाले दिनों में मौसम में गर्मी रहेगी. वहीं, सियासी मौसम में भी बदलाव आएगा. पार्टी के हित में अच्छा यह है कि जल्द से जल्द आलाकमान ध्यान दे. केसी वेणुगोपाल ने दो दिन में निर्णय लेने की बात भी कही लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. जितनी देरी होगी उतना ही पार्टी को नुकसान होगा.
देर से किया गया न्याय बेकार होता हैहेमाराम का कहना है कि पार्टी में न्याय होना चाहिए. मंत्री की मांग है कि 25 सितंबर को जो बैठक बुलाई गई थी वह आलाकमान के कहने पर हुई थी. तो अब आलाकमान इसपर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. उन्होंने मंत्री महेश जोशी का जिक्र किया है. अगर यह न्याय दिलाने में आलाकमान पीछे रह गया तो देर हो जाएगी. हेमाराम ने कहा कि मेरी 50 साल की राजनीतिक यात्रा में ऐसी घटना कोई नहीं हुई. ये तो अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना है. अब जांच का कोई विषय नहीं है. सबकुछ सामने हैं. अब देर क्यों की जा रही है ये समझ से परे हैं. अगर हम 23 के चुनाव में जीतने की स्थिति में नहीं है तो हमें सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है.
'व्यक्तिगत नुकसान होगा, लेकिन बोलूंगा'मंत्री हेमाराम ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत नुकसान होगा फिर भी पार्टी हित के लिए बोलूंगा. पार्टी के लिए मैं रिस्क ले सकता हूं. हेमाराम चौधरी ने कहा कि उन्हें किसी मंत्री पद का लालच नहीं है. वे पिछले 50 साल से राजनीति में हैं. कई पदों पर रह चुके. चौधरी ने कहा कि वे तो 2013 में भी चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे लेकिन पार्टी ने टिकट दे दिया तो चुनाव लड़ना पड़ा. वे चाहते हैं कि उनकी जगह भी किसी युवा नेतृत्व को राजनीति में आगे बढ़ने का मौका दिया जाना चाहिए. हमारा मकसद पार्टी को जिताना है, ना कि मंत्री पद पर बने रहना.a
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