Rajasthan Mahant Vijay Das Suicide Case: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) के पसोपा गांव में स्थित पशुपति नाथ मंदिर पहुंचे. यह वही पशुपति नाथ मंदिर (Pashupati Nath Mandir) है, जिसके महंत बाबा विजय दास थे. उन्होंने आदिबद्री और कनकाचल की पहाड़ियों पर खनन को बंद कराने के लिए चल रहे आंदोलन के बीच आत्मदाह कर ली थी. इसे लेकर गुरुवार को पशुपति नाथ मंदिर में संत सम्मेलन का कार्यक्रम था. इस मौके पर जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि संतों का मामला कोई राजनीतिक विषय नहीं है. यह धार्मिक मान्यता और जन भावना के उल्लंघन का विषय है.
उन्होंने कहा कि धार्मिक प्रतिबद्धताओं से जुड़े पहाड़ों का सर्वनाश किया जा रहा था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासन के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. संतों और स्थानीय लोगों के साथ विश्वासघात हो रहा था. उन्हें पुलिस की ओर से दबाया जा रहा था, तब 14 संतों ने विश्वासघात से आहत होकर आत्मदाह की चेतावनी दी थी, लेकिन यह गूंगी, अंधी और बहरी सरकार चेती नहीं और आखिर में संत के शरीर की लपटों और उसके मुंह से निकलती हुई राधे-राधे की चीख के बाद सरकार जागी.
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10 गुना बढ़ गया था खनन: गजेंद्र सिंह शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले 9 या 10 महीने से यह काम नहीं हो रहा था, जबकि 9 महीने में तो बच्चा पैदा हो जाता है. एक फाइल पर साइन करने के लिए लोगों को तड़पा रहे थे. खनन 10 गुना बढ़ गया था, जो काम 10 महीने में नहीं हुआ, वह 24 घंटे में हो गया. इसके पीछे पापी और दोषियों को बख्शा नहीं जाए. इसकी मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है. संत विजय दास की आत्महत्या के बाद संतों ने एफआईआर दर्ज करवाने की कोशिश की, वह नहीं की जा रही है, लेकिन भारत के संविधान ने इतनी ताकत दी है कि अभी कोर्ट का भी रास्ता है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने मुख्यमंत्री से मांगा ये जवाब
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि राजस्थान की सरकार जिस तरह से तुष्टिकरण कर रही है. करौली, भीलवाड़ा और जोधपुर में जो परिस्थितियां बनीं. उदयपुर में गला रेत दिया गया और भरतपुर में बाबा विजय दास ने आत्मदाह किया, उसके बाद भी क्या राजस्थान के हिंदुओं की आवाज कोई राजनीतिक दल या जन प्रतिनिधि नहीं उठाए. इसका जबाव राजस्थान के मुख्यमंत्री को देना चाहिए. कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ, सीकर के सांसद सुमेधानंद, सवाईमाधोपुर के सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, भरतपुर की सांसद रंजीता कोली भी पहुंची थी. सभी ने बाबा विजय दास की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और संत सम्मेलन में भाग लिया.