Rajasthan News: एक तरफ जहां जयपुर में हरियाली बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों पेड़ों को काटकर हरियाली की 'बलि' देने की तैयारी भी होने लगी थी. जयपुर एयरपोर्ट (Jaipur Airport) के टर्मिनल नंबर 1 के आस-पास के क्षेत्र में करीब 700 हरे-भरे पेड़ों को विकास के नाम पर काटे जाने की तैयारी थी. इसी बीच पर्यावरणविद सूरज सोनी (Environmentalist Suraj Soni) ने अपनी टीम के साथ वहां पहुंचकर चिपको आंदोलन (Chipko Andolan) की चेतवानी दे डाली. सूरज सोनी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली की 700 हरे-भरे पेड़ काटे जा रहे हैं. जब तक उनकी टीम वहां पहुंचती तब तक कुछ पेड़ों को ऊपर से काटा जा चुका था लेकिन उनकी जड़ को कोई नुकसान नहीं हुआ था.  सूरज सोनी की मानें तो उन्होंने यहां पर कुछ लोगों को निगरानी के लिए रखा है. जैसे ही पेड़ों के काटे जाने की हरकत होगी उनकी पूरी टीम पेड़ों से चिपक जाएगी. उन्होंने कहा कि हम पेड़ नहीं काटने देंगे.


मकानों को 8 महीने पहले गिराया गया
पेड़ों को काटने से पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी की रिहायशी कॉलोनी में बने मकानों को 8 महीने पहले गिरा दिया गया. अब यहां पर हरे-भरे पेड़ों को काटने की पूरी तैयारी है. जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट प्रशासन ने पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग से अनुमति ली है. सूत्रों ने बताया कि टर्मिनल-1 पर विमानों के लिए पार्किंग उपलब्ध नहीं है, ऐसे में यहां विमानों के लिए पार्किंग बनाई जा सकती है. एयरपोर्ट अथॉरिटी की यह कॉलोनी करीब 50 वर्ष पहले बसाई गई थी. एयरपोर्ट के निजीकरण के बाद इसे खाली करा लिया गया था. अब तक काफी पेड़ों को काटा जा चुका है.


25 हजार पेड़ काटे गए
पेड़ काटने का यह कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी हाईवे विस्तार के नाम पर जयपुर के आसपास करीब 25 हजार विशालकाय पेड़ काटे जा चुके हैं और उस समय बताया गया था कि इसके एवज में 1 लाख पेड़ लगाए जाएंगे. इसके बाद 1 लाख पेड़ केवल कागजों में ही लगाए गए, हकीकत में उन पेड़ों का कोई अता-पात नहीं है. इस बात को लेकर पर्यावरणप्रेमी नाराज हैं. उनकी मांग है कि पहले पेड़ों के काटने से पहले उनकी भरपाई की जाये. बिना उसके पेड़ों को नुकसान नहीं होने देंगे.


40 साल पुराने वृक्ष
रिहायशी कॉलोनी वासियों की मानें तो करीब 40 से 50 साल पुराने इन विशालकाय दरख्तों में पीपल, नीम, अशोक, गूलर, बबूल समेत कई प्रजातियों के पेड़ शामिल हैं. यहां विरोध करनेवाले पर्यावरण प्रेमियों के मुताबिक लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के लिए हर क्षेत्र में हरियाली और पेड़ों का अपना महत्व है लेकिन यहां से पेड़ों के काटे जाने से हरियाली की बलि हो जाएगी. इन पशु-पक्षियों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के कोई प्रयास किए बिना एयरपोर्ट प्रशासन ने सीधे ही पेड़ों पर आरी चलाना शुरू कर दिया. सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 400 पेड़ों को काटा जा चुका है.


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