Udaipur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे समय बीजेपी के गढ़ और चुनाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले मेवाड़ में बीजेपी के कई पार्षद और मेयर खुद आमने सामने हो गए हैं. उदयपुर नगर निगम के पार्षद एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के स्थानीय दिग्गज नेता डिप्टी मेयर पारस सिंघवी पर पार्षद काम नहीं करने देने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं मेयर का कहना है कि कुछ लोग पारस की प्रसिद्धि से नाखुश हैं. दरअसल खींचतान की शुरुआत नगर निगम के मेले से हुई जो अब राजनीतिक अखाड़ा बन चुका है. मेवाड़ के सबसे वरिष्ठ नेता, शहर विधायक और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया तक भी बात पहुंची है.  'डिप्टी मेयर काम नहीं करने देते हैं'गैराज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी और अतिक्रमण समिति के अध्यक्ष छोगालाल भोई खुलकर सामने आए और उन्होंने मीडिया के सामने आरोप लगाते हुए कहा कि पारस सिंघवी पिछले कई साल से काम नहीं करने दे रहे हैं. मनोहर चौधरी ने तो निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर शिकायत भी की है कि पारस सिंघवी को गैराज समिति के काम काज में दखल देने का संवैधानिक अधिकार नहीं है. वहीं छोगालाल भोई ने कहा कि वार्डों में अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया था लेकिन सिंघवी रोड़ा अटकते हैं. 

'यहां से शुरू हुआ विवाद'दरअसल नगर निगम का दीपावली मेला चल रहा है. इसमें मंच संचालन और स्वागत भाषण रोजाना डिप्टी मेयर पारस सिंघवी द्वारा ही दिया जा रहा था. इस पर निगम की निर्माण समिति के अध्यक्ष ताराचंद जैन ने कहा कि हर दिन स्वागत भाषण और मंच संचालन अलग-अलग भाजपा के वरिष्ठ पार्षद द्वारा दिया जाना चाहिए. इस बात पर डिप्टी मेयर पारस सिंह बिफर गए और मेला छोड़ चले गए. बाद में उनकी बीपी की शिकायत होने पर हॉस्पिटल भी भर्ती कराया. 

'मैं गलत हूँ तो पार्टी निर्णय लेगी पारस सिंघवी'वहीं डिप्टी मेयर पारस सिंघवी ने एबीपी से बात करते हुए कहा, "जो भी कह रहे है कि मैंने काम नहीं करने दिया वह कोई ठोस कारण तो बताएं. क्या कभी अतिक्रमण हो रहा है और मैंने रुकवाया, गैराज में कोई काम अटकाए. कुछ बेस तो होना चाहिए. यह तो कुछ लोगों को पारस की प्रसिद्धि पच नहीं रही इसलिए कह रहे हैं. एक ही पार्टी के है, अगर गलत हूं तो पार्टी निर्णय ले लेगी. रही बात मेले की तो मंच संचालन मेला संयोजक ही करता आया है."

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