Student Suicide In Ajmer: राजस्थान में स्टूडेंट्स के सुसाइड मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कोचिंग सिटी कोटा के बाद अब अजमेर में एक कॉलेज स्टूडेंट ने सुसाइड किया है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान (Rajasthan Central University) में एमएससी (Msc Microbiology) माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई कर रही फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतका टोंक जिले के लांबाहरिसिंह की रहने वाली थी. छात्रा के सुसाइड की इत्तला मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को फंदे से उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. किशनगढ़ के राजकीय यज्ञनारायण चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजन को सौंप दिया.
इसी महीने लिया था एडमिशन चचेरे भाई उमेश साहू ने बताया कि सलोनी ने इसी महीने एक जनवरी को केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था. एडमिशन के बाद वह गांव लौट आई थी. मकर संक्रांति के बाद 15 जनवरी को गांव से यूनिवर्सिटी लौटी थी. पिता रामकिशोर साहू खेती के साथ साउंड सर्विस का काम करते हैं. एक छोटा भाई और छोटी बहन है. दोनों गांव के ही स्कूल में पढ़ते हैं. पढ़ाई में होशियार सलोनी के सुसाइड करने की घटना के बाद परिवार यह सोचकर हैरान है कि उसे कोई परेशानी नहीं थी, फिर भी उसने ऐसा कदम क्यों उठाया.
रूम पार्टनर को कहा- 'मूड ऑफ है' सलोनी यूनिवर्सिटी में गर्ल्स हॉस्टल के ब्लॉक संख्या चार में रहती थी. दो अन्य छात्राएं उसकी रूम पार्टनर थीं. एक अपने गांव गई हुई थी. दूसरी रूम पार्टनर ने बताया कि शाम करीब चार बजे उसने सलोनी से बाहर घूमने चलने को कहा तो उसने मना कर दिया. सलोनी बोली थी कि उसका मूड सही नहीं है. यह सुनकर वो अकेले ही टहलने के लिए बाहर चली गई. करीब एक घंटे बाद लौटी तो गेट बजाने पर कोई आवाज नहीं आई. उसने सोचा कि सलोनी सो रही होगी.
इसके बाद वह फिर से टहलने चली गई और शाम 6 बजे के बाद वापस लौटकर गेट बजाया तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई. इसके बाद उसने वार्डन को जाकर बताया, जब वार्डन ने खिड़की से देखा तो अंदर सलोनी का शव फंदे पर झूल रहा था. उसने पंखे पर चुन्नी से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था. इसके बाद दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा गया.
सुसाइड नोट में बताई यह वजह घटना की इत्तला पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने सलोनी के रूम की तलाशी ली तो वहां एक सुसाइड नोट मिला. अंग्रेजी में लिखे इस नोट को पढ़कर पुलिस ने अंदेशा जताया कि सलोनी अकेलेपन से परेशान थी. वे मानती थी कि उसका दुनिया में कोई नहीं है. वो अकेली है. हालांकि, परिवार का कहना है कि वो परिवार से बातें किया करती थी और खुश रहती थी. अकेलेपन जैसी कोई बात नहीं थी.
इस वजह से छात्र कर रहे हैं सुसाइड प्रदेश में छात्रों की आत्महत्या का मामला सदन में भी गूंज चुका है. पिछले दिनों विधानसभा में अटरू (बारां) विधायक पानाचंद मेघवाल ने सरकार से पूछा था कि 2019 से 2022 के दरम्यान स्टूडेंट्स की आत्महत्या के कितने केस सामने आए और क्या कारण थे? इसके जवाब में सरकार ने बताया कि आत्महत्याओं की वजह इंटरनल टेस्ट, प्रेम प्रसंग, ब्लैकमेलिंग और अभिभावकों की महत्वाकांक्षा है.
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, साल 2022 में कोटा में 13 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था. साल के अंतिम दिसंबर महीने में 10 दिन के भीतर 4 सुसाइड हुए. 12 दिसंबर को 12 घंटे में 3 स्टूडेंट ने आत्महत्या की.