Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है. पायलट समर्थकों के मुताबिक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सचिन पायलट की ताजपोशी लगभग तय हो गई है. पायलट के निवास स्थान पर समर्थकों का जमावड़ा लग रहा है. उसे देखकर ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट की फिर से पीसीसी चीफ के पद पर वापसी हो सकती है. फिलहाल पायलट समर्थकों का कहना है कि कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन समर्थकों ने पायलट के पीसीसी चीफ बनने की दावेदारी कर दी है.


चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक की तैयारी में कांग्रेस


राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन सभी विधायकों-मंत्रियों और ब्लॉक अध्यक्षों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. माकन के रुख से लगता है कि कांग्रेस आलाकमान जल्द ही राजस्थान में संगठन स्तर पर फेरबदल करेगा. प्रदेश प्रभारी अजय माकन आज राजधानी जयपुर पहुंच गए हैं. सचिन पायलट को 2014 में राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. छह साल से भी अधिक समय तक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने रहे पायलट के बगावती तेवर को देखते हुए गहलोत सरकार ने बड़ा कदम उठाया.


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सचिन पायलट गुट के सभी नेता निष्कासित कर दिए गए. पिछले दो साल से विधायक सचिन पायलट के पास कोई भी पद नहीं है. डिप्टी सीएम बनाए जाने से नाराज सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी. पिछले साल बगावत के समय सचिन पायलट को पीसीसी चीफ से हटा दिया गया था. पायलट की जगह पर सीएम गहलोत के करीबी गोविंद सिंह डोटासरा को अध्यक्ष बनाया गया. पायलट को मंत्रीपद से भी बर्खास्त कर दिया गया. गहलोत-पायलट गुट में सुलह होने के बाद से पायलट बिना किसी पद के हैं. गहलोत कैबिनेट के विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में पायलट समर्थकों को एडजस्ट कर दिया गया, लेकिन पायलट खुद दो साल से बिना किसी पद के हैं.


पायलट को पीसीसी चीफ बनाने की हो रही तैयारी?


सचिन पायलट राजस्थान छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में पायलट का कद देखते हुए पीसीसी चीफ ही बनाया जा सकता है. सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद से कम कुछ भी लेने को तैयार नहीं हैं. इस मांग के लिए नाराज हुए और बगावती तेवर के कारण सारे पदों से हाथ धोना पड़ा. सचिन पायलट गुट के पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र चौधरी ने सचिन पायलट को पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा बताया है. उनका कहना है कि मात्र विधायक होते हुए भी हजारों की तादाद में लोग पायलट से मिलने आते हैं.


पायलट का स्वागत करने हर जगह लोग पहुंच जाते हैं. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पायलट की मांग सब जगह थी. सभी जगह पायलट को भेजा गया. पार्टी आलाकमान के निर्देश पर पायलट जिम्मेदारी लेंगे. सचिन पायलट पार्टी के सच्चे सिपाही हैं. 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री मानते हुए जनता ने वोट दिया था. विधानसभा चुनाव के ठीक 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव हुए. चुनाव में पार्टी बुरी तरह हार गई. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा क्या हो गया जब सरकार हनीमून पीरियड में थी और जनता इतनी नाराज थी.


हालिया संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस हाईकमान का फोकस राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पर है. विधानसभा चुनाव जीतकर कांग्रेस ने तीनों राज्यों में सरकार बनाई थी, लेकिन मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य की बगावत के कारण बीजेपी फिर से सत्ता में आ गई. कांग्रेस राजस्थान में हर हाल में वापसी की कोशिश कर रही है. इसके लिए सचिन पायलट को फिर से पीसीसी चीफ बनाया जा सकता है. पांच राज्यों में सचिन पायलट को स्टार चुनाव प्रचारक बनाया गया था.


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पायलट को पीसीसी चीफ बनाने के पक्ष में हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की विदाई तय मानी जा रही है. राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत तक होने हैं. सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में लग चुकी हैं. आम आदमी पार्टी संगठन विस्तार कर रही है. बीजेपी नेता भी ताकत दिखाने में लगे हुए हैं. सदस्यता अभियान के लिए कांग्रेस डिजिटल अभियान चला रही है. कांग्रेस की कोशिश है बूथ स्तर पर नए सदस्यों को जोड़कर जनता तक पहुंचा जाए. आज कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और पूर्व सांसद संजय निरुपम पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेंगे. 


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