Hadoti News Today: हाड़ौती संभाग की जमीन सोना उगलती है और इन दिनों यहां के हजारों किसान नई फसल उगाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. इस दौरान बेहतर उपज पाने के लिए किसान यूरिया खाद डाल रहे हैं और खेतों में कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, जिससे खरपतवार नष्ट हो जाए.
खरपतवार को नष्ट करने के लिए खेतों में डाला जा रहा यह कीटनाशक जानलेवा साबित हो रहा है. कोटा संभाग में बीते एक माह में 12 किसानों की कीटनाशक दवाओं के छिड़काव से मौत हो गई. इसके बाद एक बार फिर कीटनाशकों को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.
लापरवाही की कीमत चुका रहे किसानकैथून क्षेत्र के गणेशपुर निवासी बाबूलाल, बूंदी जिले के कापरेन क्षेत्र के युवा किसान पंकज खारोल, रायथल थाना क्षेत्र के रामपुर के झोपड़ा निवासी शिवराज की कीटनाशक का छिड़काव करते समय दवा के असर से खेत में ही अचेत हो होकर गिर पड़े, बाद में उनकी मौत हो गई.
यह मामले तो केवल एक बानगी है. हाड़ौती में जुलाई माह की बात करें तो कीटनाशक का छिड़काव करते समय इसके संपर्क में आने से एक माह में ही 12 किसानों की दर्दनाक मौत हो गई. किसानों को इस लापरवाही की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है.
कृषि विगाग ने जारी एडवाइजरीमानसून की बारिश होने के बाद खेती का काम जोर पकड़ लेता है. इस दौरान फसल धान की फसलों के साथ अन्य फसलों को खेत में लगाते हैं. इस दौरान खरपतवार को नष्ट करने के लिए कीटनाशक का छिड़काव भी करते हैं. दवा के संपर्क में आने से या थोड़ी सी भी लापरवाही होने पर किसानों की मौत हो रही है.
अधिकांश किसान सुरक्षा मापदंडों का पालना नहीं करते और कीटनाशक का छिड़काव करते हैं. किसानों की यही लापरवाही उनके लिए जानलेवा साबित हो रही है. अब कृषि विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कीटनाशकों को छिड़काव के दौरान क्या-क्या सावधानी बरती जानी चाहिए, इसकी जानकारी दी जा रही है.
ड्रोन से करें कीटनाशकों का छिड़कावविशेषज्ञों का कहना है कि सबसे सुरक्षित ड्रोन है, जिससे कीटनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है. इस समय कीटनाशकों के छिड़काव और खेती के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. दवा को छिड़कने के लिए ड्रोन सबसे अच्छा माध्यम है.
कोटा में ड्रोन खेती को बढ़ावा देने के लिए इसे पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. एक फर्टिलाइजर कंपनी को किसानों को ड्रोन खेती का प्रशिक्षण देने का जिम्मा दिया गया है. हाड़ौती संभाग में भी ड्रोन के माध्यम से अब खेती हो रही है. राजस्थान में डेढ़ सौ ड्रोन दीदी किसानों को इसका प्रशिक्षण देंगी.
मोरपा ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष राकेश नागर ने बताया कि किसानों के लिए ड्रोन से दवा छिड़काव की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. यह सुविधा किसानों की होने वाली अकाल मौत से उन्हें बचाएगी.
कीटनाशक छिड़काव में बरतें सावधानीकृषि वैज्ञानिक और एक्सपर्ट बताते हैं कि खाली पेट कभी भी दवा का छिड़काव नहीं करना चाहिए. मुंह पर मास्क लगाकर, हाथों में दस्ताने पहन कर और आंखों पर चश्मा लगाकर कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए. अपने हाथों को मुंह पर नहीं लगाना चाहिए.
हवा के विपरीत दिशा में छिड़काव नहीं करना चाहिए. शरीर को पूरी तरह से कपड़ों से ढका होना चाहिए, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि शरीर पर कोई घाव नहीं हो. कीटनाशक का घोल अधिक मात्रा में नहीं तैयार किया जाना चाहिए, उतनी ही मात्रा में तैयार करना चाहिए जो एक बार में खत्म हो जाए.
एक्सपर्ट के मुताबिक, कीटनाशक को ढ़क कर सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में दवा का ढक्कन मुंह से नहीं खोलना चाहिए. दवा के छिड़काव के समय तीन से चार व्यक्ति साथ में होने चाहिए. किसी भी आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर चिकित्सक को दिखाना चाहिए.
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