Rajasthan News: किसी भी शहर में अगर आप जाते हैं, तो वहां के रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड की दीवारों पर कई कंपनियों के विज्ञापन के पोस्टर चिपके हुए दिखाई देते हैं, जो शहर की खूबसूरती में दाग जैसे लगते हैं. ऐसा ही नजारा झीलों की नगरी उदयपुर (Udaipur) में भी देखने को मिलता रहा है, लेकिन अब इस इस खूबसूरत शहर में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि जो भी पोस्टर चस्पा करते पाया उसके खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज होगी. बता दें उदयपुर में नियम लागू हो गया है और इसके तहत कंपनी के खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा.

 

दरअसल यह नियम उदयपुर की नगर निगम की तरफ से नगर पालिका अधिनियम के तहत लागू किया गया है. नगर निगम आयुक्त आईएएस राम प्रकाश ने बताया कि उदयपुर शहर में स्मार्ट सिटी के तहत कई तरह-तरह के काम किए जा रहे है, जिससे शहर खूबसूरत लगे. ऐसे में अगर किसी संस्था द्वारा प्रमुख रूप से सार्वजनिक स्थानों पर अपने विज्ञापन के बैनर या पोस्टर चस्पा कर उसकी सुंदरता खराब की गई, तो उनके खिलाफ नगर निगम सख्त कार्रवाई करेगा. 

 

पोस्टर चस्पा करने पर हो सकती है ये सजा

आयुक्त ने बताया कि अब तक दो संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. संस्थानों को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 द्वारा 297 क के तहत नोटिस जारी किए गए हैं. संस्था द्वारा यदि नोटिस की पालना नहीं की जाती है, तो निगम की तरफ से पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी. वहीं पहली बार पोस्टर चस्पा करने पर एक साल तक जेल के साथ न्यूनतम जुर्माना पांच हजार और अधिकतम 10 हजार रुपये तक या दोनों हो सकती है. इसके बाद दोबारा पोस्टर चस्पा करने पर दो साल तक की सजा या न्यूनतम जुर्माना 10 हजार और अधिकतम 20 हजार रुपये तक या दोनों हो सकते हैं.

 

इसके साथ ही आयुक्त ने शहरवासियों से अपील करते हुए कहा कि उदयपुर शहर विश्वभर में पर्यटकों का सबसे पसंदीदा शहर है. यहां की खूबसूरती और हेरिटेज को देखने हजारों की संख्या में पर्यटक उदयपुर आते हैं. शहर में स्थित कोचिंग संस्थान, मार्केटिंग एजेन्सी और अन्य द्वारा यदि बिना स्वीकृति पोस्टर बैनर लगा दिए हैं, तो वह अपने स्तर पर हटा लें नहीं तो कार्रवाई होगी.