अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू मंदिर बताए जाने के दावे वाले मामले को लेकर सोमवार (04 अगस्त) को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर अजमेर की जिला अदालत में चल रहे मुकदमे के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर ये सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है.
हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया और अजमेर कोर्ट में मुकदमा दाखिल करने वाले हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु शर्मा को नोटिस जारी किया है. दरगाह के खादिमों की दो अंजुमनो यानी संस्थाओं ने हाईकोर्ट में ये याचिका दाखिल की है.
अजमेर जिला अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक की मांग
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में अजमेर की जिला अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है. दलील यह दी गई है कि अश्विनी कुमार के केस में सुप्रीमकोर्ट ने देश की सभी अदालतों को धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे विवाद में कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से मना किया है. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 पर फैसला आने के बाद ही कोई अंतिम या अंतरिम आदेश पारित करने को कहा था.
हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में क्या कहा गया?
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अजमेर की जिला अदालत दरगाह विवाद मामले में लगातार सुनवाई कर रही है. पक्षकारों से जवाब लिए जा रहे हैं और साथ ही उनके डॉक्यूमेंटस को रिकॉर्ड पर लिया जा रहा है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट में सोमवार को उनके वकील आशीष कुमार सिंह ने दलीलें पेश की.
हाईकोर्ट में मामले की अब कब होगी सुनवाई?
हाईकोर्ट ने सोमवार को अजमेर की जिला अदालत में चल रहे मुकदमे की सुनवाई पर रोक नहीं लगाई है. अजमेर की जिला अदालत में अगली सुनवाई 30 अगस्त को होनी है. हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई तीसरे या चौथे हफ्ते में ही होगी. अंजुमनों की तरफ से कोर्ट में यह कहा गया कि लगातार चल रहे ट्रायल से मुकदमा अंतरिम आदेश की तरफ बढ़ रहा है.
अंजुमनों ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रोक के बाद अजमेर की जिला अदालत को सुनवाई जारी रखने का अधिकार नहीं रह गया है देश की तमाम दूसरी अदालते भी सुनवाई नहीं कर रही हैं और सिर्फ तारीख ही लगा रही हैं.