Udaipur News: राजस्थान में उपचुनाव का माहौल चल रहा है. ऐसे में चुनाव से जुड़े कई किस्से सामने आते हैं, जिनमें कई कारण से प्रत्याशियों का नामांकन रद्द कर दिया जाता है. ऐसा ही एक उदयपुर से सामने आया है, जिसे जानकर आर हैरान रह जाएंगे. पहली बार ऐसी बात सामने आई है कि घर में शौचालय नहीं होने पर प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया है. ऐसा हुआ है उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले में वार्ड पंच के उपचुनाव में. रिटर्निंग ऑफिसर ने महिला प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया, क्योंकि उसके घर मे कार्यशील शौचालय नहीं था. 


टीम गठित की और प्रत्याशी के घर हुई जांच
रिटर्निंग ऑफिसर जयप्रकाश जोशी ने बताया कि डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा ग्राम पंचायत के वार्ड 4 का 19 नवंबर को उपचुनाव था. इसमें तीन प्रत्याशियों ने नामांकन भरा, जिसमें बसंती देवी, गोपाल भगोरा और कमलेश बामनिया शामिल थे. नाम वापसी के दिन कमलेश बामनिया ने आपत्ति दर्ज कराई कि प्रत्याशी बसंती देवी के घर मे कार्यशील शौचालय नहीं है और घर के सदस्य खुले में शौच जाते हैं. शिकायत पर टीम गठित की गई और बसंती देवी के घर में जांच हुई. टीम ने भौतिक सत्यापन करते हुए पड़ोसियों के भी बयान लिए. बसंती देवी के घर शौचालय नहीं मिलने पर उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया. इधर गोपाल भगोरा ने अपना नाम वापस ले लिया. ऐसे में कमलेश बामनिया निर्विरोध वार्ड पंच बन गईं.


भरवाया जाता है घोषणा पत्र
जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव में कई नियमों में एक शौचालय का नियम भी है, जिसमें जो उम्मीदवार चुनाव में आवेदन कर रहा है, उसके घर शौचालय होना जरूरी है. इसके लिए आवदेन के साथ ही घर में शौचालय होने का एक घोषणा पत्र दिया जाता है. पत्र में घोषणा की जाती है कि मेरे घर में स्वच्छ कार्यशील शौचालय है, जो तीन दीवारों, एक दरवाजा और छत से घिरा हुआ है. इसमें जल-बन्ध (वाटर सील्ड) शौचालय प्रणाली या व्यवस्था है. साथ ही मेरे परिवार का कोई भी सदस्य (पति/पत्नी बच्चे एवं साथ निवास कर रहे माता / पिता) खुले में शौच के लिए नहीं जाता है.


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