Rajasthan News: राजस्थान के व्यापारियों के लिए सीएम अशोक गहलोत सरकार ने बेहतर अवसर दिए हैं. दरसल सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों की ओर से जो भी माल लोगों को बेचा जाता था, उसका उन्हें समय पर भुगतान नहीं मिलता था. ऐसे में अब सरकार ने उनकी सहायता करने के उद्देश्य से एक परिषद की स्थापना की है. जिसका नाम है MSEFC. इसके तहत व्यापारी अपना काम भी शुरू कर सकते हैं. इससे उनको फायदे ही फायदे मिलेंगे.
राजस्थान एमएसएमई सुविधा परिषद MSEFCसूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमी द्वारा विभिन्न स्थानों और व्यक्तियों को विक्रय किये गये माल का समय पर भुगतान प्राप्त नहीं होने की स्थिति में सहायता करने के उद्देश्य से राज्य में MSME एक्ट 2006 के प्रावधान के अंतर्गत सुविधा परिषद का गठन किया गया है. इस सुविधा परिषद में आवेदन ऑनलाइन करने की व्यवस्था भारत सरकार के पोर्टल msme.samadhan.gov.in पर की गई है.
उद्यम रजिस्ट्रेशनसूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम के रजिस्ट्रेशन के लिये ऑनलाइन आवेदन वेबसाइट udyamregistration.gov.in पर किया जा सकता है. हस्तशिल्प कला से जुड़े हुए परंपरागत उद्यमी अपनी शिल्पकला के संबंध में आर्टिजन परिचय बनवा सकते हैं. इसके लिये ऑर्टिजन ssorajasthan.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
भागीदारी फर्म पंजीयनभारतीय साझेदारी अधिनियम 1932 और राजस्थान भागीदारी अधिनियम 2017 के अंतर्गत दो या दो से अधिक व्यक्ति अपनी भागीदार फर्म के पंजीयन और उसके विधान में परिवर्तन को पंजीबद्ध करने के लिए जिला उद्योग केंद्र में ssorajasthan.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. महाप्रबंधक जिला उद्योग और वाणिज्य केंद्र रजिस्ट्रार ऑफ फर्म के रूप में कार्य करते हैं. ऑफलाइन द्वारा जारी भागीदारी पंजीयन प्रमाण-पत्र के विधान में परिवर्तन हेतु ऑफलाइन आवेदन करना होगा.
बाजार सहायता योजनापरंपरागत हस्तशिल्पियों को हस्तशिल्प उत्पाद, मेले में बेचने के लिए स्टॉल किराये में 50 फीसदी छूट साथ आने जाने का किराया तथा दैनिक भत्ता भी दिया जाता है.
एकल खिड़की योजनाराज्य में उद्यम की स्वीकृतियों के समयबद्ध निस्तारण के लिये एकल खिडकी योजना को सुदृढ बनाया गया है. इस संबंध में उद्यमी http://swces.raj.gov.in/sso.rajasthan.gov.in पर लॉग इन करके विभिन्न राजकीय विभागों/निगमों की स्वीकृतियों के लिए आवेदन कर सकता है.
राजकीय उपापन में राज्य के उद्यमों को आरक्षणराजकीय उपापन के लिए सूचीबद्ध 99 उत्पाद राज्य के सूक्ष्म और लघु उद्यमों से ही क्रय किये जा सकेंगे और अन्य उत्पादों के क्रय के लिये भी सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यमों को मूल्य क्रय वरीयता प्रदान करने के प्रावधान है.
राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार योजनायोजनांतर्गत राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्यमों को प्रोत्साहित करने के दृष्टिकोण से व्यवसाय के टर्न ओवर से उत्कृष्ट वृद्धि, व्यवसायिक नवाचार, महिला उद्यमियों द्वारा व्यवसाय के टर्न ओवर में उत्कृष्ट वृद्धि और रूग्ण उद्यमों के पुनरूद्धार में विशेष योगदान करने वाले उद्यमों को पुरस्कृत करने का प्रावधान किया गया है. प्रतिवर्ष 12 उद्यमियों को राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार प्रदान करने का प्रावधान है.
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले बुनकरो और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें राजस्थान बुनकर रत्न पुरस्कार और राजस्थान हस्तशिल्प रत्न पुरस्कार प्रदान किया जाता है. प्रत्येक विजेता को एक-एक लाख रूपये की धनराशि, शॉल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है.
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