Rajasthan Udaipur Superstition Case: एक तरफ जहां देश लगातार तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ता जा रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में अब भी अंधविश्वास की जड़ें गहरी हैं. ऐसा ही एक दिलदहला देने वाला मामला उदयपुर संभाग (Udaipur) के राजसमंद जिले में सामने आया है. माता-पिता द्वारा भोपे के चक्कर में पड़ने पर 7 साल के मासूम बच्चे की जान पर बन आई है. परिवार अस्पताल (Hospital) में इलाज ना करवा भोपे से तंत्र-मंत्र करवाता रहा जिससे बच्चे की 3 इंच आंख बाहर आ गई. जब ग्रामीणों को पता चला तो उन्होंने जनप्रतिनिधियों और पुलिस (Police) के माध्यम से बच्चे हो हॉस्पिटल पहुंचाया. 

तंत्र-मंत्र का चक्कर मामला राजसमंद के खमनोर का है. यहां प्रकाश गाडोलिया के बेटे सुरेश को 2 साल पहले आंख में फुंसी हुई थी. परिवार वाले मेडिकल स्टोर से दवा लाकर देते रहे. 2 साल तक ऐसा ही चलता रहा. दर्द बढ़ा तो 6 महीने पहले पास के ही गांव गोड़िन में एक भोपे के पास ले में गए. पिता प्रकाश ने बताया कि भोपा उसका मिलने वाला ही था. उसने बताया कि वो उसे ठीक कर देगा. करीब 4 महीने तक उसे अपने पास रखा और तंत्र-मंत्र से इलाज करता रहा. 

बढ़ गई तकलीफ इस बीच बच्चे की तकलीफ कम होने की बजाय और बढ़ गई. 2 महीने पहले उसे घर ले आए. इस बीच उसकी आंख 3 इंच तक बाहर निकल गई. फिर माता-पिता ने डर के मारे बच्चे को घर में छिपाए रखा. गांव वालों को जब ये बात पता चली तो उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष कोमल सोनी और बाल कल्याण समिति के कोमल पालीवाल को इसकी जानकारी दी. कोमल सोनी ने दर्द से तड़प रहे बच्चे को अस्पताल भिजवाया. अभी उसे आइसोलेशन वार्ड में निगरानी में रखा गया है.

डॉक्टर ने कैंसर बताया, होगा ऑपेरशनबच्चे को उदयपुर स्थित संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. जहां डॉक्टर ने आंख का कैंसर बताया. अब बच्चे की आंख का ऑपेरशन किया जाएगा. इधर, पिता अब पछतावा कर कह रहा है कि आंख भेले ही ना बचे, बस बच्चा बच जाए. कभी भी भोपे के चक्कर में नहीं पड़ेंगे.

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