राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारी भाजपा और कांग्रेस दोनो कर रही है. इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी की प्रदेश के कई जिलों में विधानसभा में प्रत्याशी के लिए आवेदन हुए. इस आवेदन प्रक्रिया में बांसवाड़ा में कांग्रेस के नेता आपस में भिड़े. बड़ी बात तो यह की एक तरफ से महिला पूर्व विधायक और दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारी था जो खुद आवेदन करने आए थे. स्थिति को काबू करने के लिए कार्यकर्ताओं को बीच में आना पड़ा. फिलहाल माहौल शांत है लेकिन बात प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक पहुंच गई हैं. जानते है क्या हुआ.


यह हुआ घटनाक्रम

दरअसल बांसवाड़ा जिले की पांच विधानसभा क्षेत्र में से एक गढ़ी विधानसभा के लिए ब्लॉक स्तर पर आवेदन मांगे थे जिसमें आवेदन देने की प्रक्रिया चल रही थी. गढ़ी ब्लॉक में आवेदन की प्रक्रिया चल रही रही. इसी में आवेदन करने के लिए पूर्व विधायक और गढ़ी प्रधान कांता भील वहां पहुंचीं. पंचायत समिति के सहायक अभियंता महिपाल कटारा भी आवेदन करने के लिए आए.

 

सरकारी कर्मचारी होने के कारण आवेदन नहीं लेने की बात कांता भील ने रखी. इसी दौरान बातचीत बहस में बढ़ गई और हंगामा खड़ा हो गया. इसका मूवमेंट का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि बातचीत के दौरान कांता भील उठी और महिपाल कटारा पर हाथ उठाया. इसी दौरान पास खड़े कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक लिया. फिलहाल आवेदन लेने वाले प्रभारियों ने सरकारी कर्मचारी होने के कारण महिपाल कटारा का आवेदन नहीं लिया. 

 

मीडिया से बातचीत के अनुसार उन्होंने अपनी बात रखी और एक दुसरे पर आरोप लगाए. कांता भील ने मीडिया को कहा कि सरकारी कर्मचारी है इसलिए सभी ने इसका विरोध किया था. राजनीतिक दुर्भावन से कटारा ने अपशब्द कहें और मेरी तरफ झपटा. वहीं महिपाल कटारा ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बात हुई, मैं आवेदन करूंगा. लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने के अधिकार है.