Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस (Congress) में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा हैं.  अपनी ही पार्टी के खिलाफ मौके और मुद्दे को भुनाने के लिए नेता बयानबाजी कर सुर्खियां बटोरने में लगे हुए हैं. दरअसल, ओसिया विधानसभा से विधायक दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करते हुए इशारों ही इशारों में अपनी ही पार्टी के नेताओं पर तंज कसा है. 14 नवंबर को बाल दिवस के बहाने मंत्री शांति धारीवाल व महेश जोशी पर तंज कसते हुए जमकर निशाना साधा है.  दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "उद्दंड बच्चे उन षड्यंत्रकारी मारसाहबो से लाख अच्छे हैं, जिन्होंने 25 सितम्बर की शाम को हड़ताल कर स्कूल मालिक को आंख दिखाने का मंच सजाया था. यह बच्चे स्कूल मैनेजमेंट को बेहतर रिजल्ट लाने के लिए उचित सुझाव दे रहे हैं, ताकि पूरी क्लास 2023 के इम्तिहान में अव्वल नंबरों से पास हो सके."

पार्टी के ही मंत्री, विधायकों में खींचतानराजस्थान में विधानसभा चुनाव अगले साल के अंत में होने हैं. कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के चार साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी में  खींचतान का दौर बदस्तूर जारी है.  मंत्री और विधायक अपनी ही सरकार को गिरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.  पार्टी अनुशासन हो या ब्यूरोक्रेसी को लेकर भी बयानबाजी का दौर जारी है. सीएम अशोक गहलोत को आलाकमान ने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर चुनावी मैदान में उतारना चाहा था. वहीं दिल्ली से आए पर्यवेक्षक के सामने 25 सितंबर को गहलोत समर्थक विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था. इसमें सभी विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी के घर जाकर अपने इस्तीफे सौंप दिए और कुछ दिनों तक इसपर गतिरोध चला.  

निशाने पर महेश जोशी व मंत्री शांति धारीवाल इसके बाद आलाकमान से पार्टी अनुशासन के खिलाफत करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई. इसमें कार्यवाही तो नहीं हुई लेकिन आलाकमान ने सीएम गहलोत को हरी झंडी दे दी. साथ ही आलाकमान ने बयानबाजी नहीं करने के निर्देश भी जारी किए. वहीं 25 सितंबर की रात प्रदेश कांग्रेस में हुई बगावत के बाद से दिव्या मदेरणा हमले तेज कर दिए हैं. दिव्या के निशाने पर अभी भी सीएम गहलोत के समर्थक मंत्री महेश जोशी व मंत्री शांति धारीवाल बने हुए हैं. दिव्या इन्हें किसी ना किसी बहाने से निशाने पर ले रही हैं. वही मंत्री महेश जोशी व मंत्री शांति धारीवाल कांग्रेस पार्टी के आलाकमान की गाइडलाइन का पालन करने का दावा कर चुपी साधे हुए हैं.

दिव्या मदेरणा का ये है मलालदिव्या मदेरणा राजस्थान की राजनीति के धुरंधर दिग्गज जाट नेता परसराम मदेरणा की पोती हैं.  मौजूदा समय में ओसिया विधानसभा से कांग्रेस की विधायक दिव्या मदेरणा शुरुआत से ही अपनी बात बेबाकी से रखती आई हैं. राजनीति के जानकारों की मानें तो दिव्या मदेरणा अपने दादा जाट नेता परसराम मदेरणा के सीएम नहीं बनने का मलाल अभी तक नहीं भूल पाई हैं.  साल 1998 कांग्रेस की सरकार राजस्थान में बनी आलाकमान के एक लाइन के प्रस्ताव की वजह से परसराम मदेरणा राजस्थान के सीएम नहीं बन सके. उस समय युवा नेता अशोक गहलोत को राजस्थान का सीएम बना दिया गया.

Beawar Murder: कांग्रेस सेवादल सचिव हत्याकांड में पुलिस के हाथ अब तक खाली, कार्यकर्ताओं ने जताई नाराजगी