Rajasthan Politics: सीएम के ओएसडी ने ACB को क्यों 'कठघरे' में किया खड़ा, राजस्थान में मचा सियासी हड़कंप
Rajasthan: साल 2020 में प्रदेश सरकार पर आए संकट के दौरान चर्चित एमएलए की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो मामले में गजेन्द्र सिंह का वॉयस सैपल लेने के लिए एसीबी हाईकोर्ट जाने की में है.

Rajasthan News: राजस्थान में चुनावी साल शुरू हो गया है. इसका असर भी दिखने लगा है. यहां पर लगातार पुराने मामले ताजा किये जा रहे हैं. अब एक बार फिर एमएलए खरीद-फरोख्त केस में राज्य की गहलोत सरकार की एसीबी हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है. लेकिन वहीं पर मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक ट्वीट करके सियासी हड़कंप मचा दिया है. क्यों, उस ट्वीट में उन्होंने अपनी ही सरकार की मशीनरी एसीबी को कठघरे में खड़ा कर दिया है. इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. मगर, सवाल बड़ा है आखिर उन्होंने क्यों ऐसा किया है.
ओएसडी का ट्वीट
सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने ट्वीट किया है कि पहले भी मैंने कहा है वॉइस सैम्पल की कोई आवश्यकता ही नहीं है, मेरे खिलाफ दिल्ली में दर्ज करवाई एफआईआर में गजेंद्र सिंह शेखावत ने ये माना कि उनके टेलिफोनिक कन्वर्सेशन को इललीगली इंटरसेप्ट करके सर्कुलेट किया गया, तो स्पष्ट है कि ऑडियो में आवाज उन्हीं की थी. इसलिए एफआईआर को साक्ष्य मानकर जांच आगे बढ़े और कार्रवाई की जाए.
यह है पूरा मामला
साल 2020 में प्रदेश सरकार पर आए 'संकट' के दौरान चर्चित एमएलए की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो मामले में गजेन्द्र सिंह का वॉयस सैपल लेने के लिए एसीबी हाईकोर्ट जाने की में है. विभाग से अनुमति मिलते ही याचिका दाखिल होगी. विधि विभाग को भेजी गई फाइल में एसीबी ने लिखा है कि केन्द्रीय मंत्री के मामले में वॉयस सैंपल नहीं लेने से एसीबी के अन्य मामले भी प्रभावित हो रहे हैं.
ऐसे में केंद्रीय मंत्री के वायस सैंपल की मंजूरी के लिए हाई कोर्ट में अपील जरूरी है. इस मामले में आरोपी संजय जैन के वॉयस सैंपल की जांच चंडीगढ़ में हुई थी. जांच में आवाज संजय की होने के बाद एसीबी ने चालान पेश कर दिया है. इसमें बड़ी यह भी है कि निचली अदालत में 2 बार एसीबी की याचिका खारिज हो चुकी है.
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Source: IOCL






















