Rajasthan News: गुजरात में इस साल और राजस्थान-मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रण में उतर चुके हैं. तीनों राज्यों की जनता को साधने के लिए पीएम मोदी लगातार इन राज्यों का दौरा कर रहे हैं, यही नहीं इन राज्यों के लिए कई लोकलुभावन घोषणा भी केंद्र द्वारा की जा रही हैं.
कुछ दिन पहले पीएम मोदी राजस्थान के सिरोही आए थे और अब 1 नवंबर को वह आदिवासियों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ धाम (Mangarh Dham) के दौरे पर आ रहे हैं. पीएम मोदी के दौरे के लिए बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जिला स्तर पर बैठकें आयोजित कर ज्यादा से ज्यादा संख्या में कार्यकर्ताओं को पीएम मोदी की सभा में लाने की तैयारी की जा रही है. पीएम के दौरे को लेकर राजस्थान के जनजाति क्षेत्र के प्रमुख जिले उदयपुर में भी बीजेपी की बैठक हुई.
हर जिले को मिला लक्ष्यउदयपुर में बीजेपी की शहर और देहात की बैठक हुई. बैठक में बीजेपी जिलाध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली ने बताया कि बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित होने वाले सम्मेलन में उदयपुर शहर जिले के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता विभिन्न वाहनों के माध्यम से बड़ी संख्या में जाएंगे. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर ही हमने यह बैठक की है. इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, मोर्चा अध्यक्ष, मोर्चा महामंत्री, मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री उपस्थित रहे. पदाधिकारियों ने कहा कि सभी जिलों को अलग-अलग संख्या में कार्यकर्ताओं को सभा में ले जाने का लक्ष्य मिला है जिसमें उदयपुर से 6000 कार्यकर्ता जाएंगे.
तीन राज्यों की 99 विस सीटों से आएंगे 1 लाख कार्यकर्ताबता दें कि गुजरात में इसी विधानसभा का चुनाव है, जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में अगले साल चुनाव है. पीएम मोदी के इस दौरे का उद्देश्य गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश की आदिवासी बहुल सीटों के वोटरों को साधना है. बीजेपी ने तीनों राज्यों की 99 आदिवासी बहुल सीटों से 1 लाख कार्यकर्ताओं व आम लोगों को इस कार्यक्रम में बुलाने का लक्ष्य रखा है. पीएम मोदी अपने दौरे पर मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक भी घोषित कर सकते हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता कटारिया भी जुटेबैठक को संबोधित करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि गोविंद गुरु ने धूणी आंदोलन के माध्यम से आदिवासी समाज में जन जागरण का कार्य प्रारंभ किया था. अंग्रेजों ने 17 नवंबर 1913 ईं में मानगढ़ सम्मेलन में आए हजारों आदिवासी भक्तों पर गोलीबारी कर निर्दोष लोगों को मार डाला था. जलियांवाला बाग हत्याकांड से पहले लगभग 1500 लोगों ने स्वतंत्रता के मार्ग पर चलने का मूल्य अपना बलिदान देकर चुकाया. यह मेवाड़ वागड़ के लिए गौरव की बात है कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां सभा करने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वहां आना चाहिए ताकि आदिवासी समाज का स्वतंत्रता में योगदान आमजन तक जाए.
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