Rajasthan News: नामीबिया से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में लाए 8 चीतों की भूख मिटाने के लिए 181 चीतल की बलि दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. चीतों को चीतल खिलाने के विरोध में बिश्नोई समाज (Bishnoi Community) सड़कों पर उतर आया है. मंगलवार को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के बैनर तले समाज के लोगों ने राजस्थान के जोधपुर में आक्रोश प्रदर्शन किया. वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार के श्रम राज्यमंत्री सुखराम बिश्नाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है.


बिश्नोई समाज ने राष्ट्रपति से की यह मांग
जोधपुर में प्रदर्शन के दौरान बिश्नोई समाज ने प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन में लिखा कि केंद्र सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर नामीबिया से लाकर 8 चीतों को  हिंदुस्तान के वनों में विलुप्त प्रजाति पुनर्स्थापित करने के लिए कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा है. इन चीतों के भोजन में चीतल और हिरण छोड़ने से बिश्नोई समाज व अन्य समाजों के वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश है. बिश्नोई समाज अपने आराध्य गुरु जम्भेश्वर भगवान के बताए सिद्धांतों पर चलते हुए पिछली पांच शताब्दियों से पर्यावरण, प्रकृति और वन्य जीवों की रक्षा कर रहा है. 


पत्र में आगे लिखा है कि यह समाज वृक्षों और वन्य जीवों के लिए बलिदान देता आया है. इनकी रक्षा के लिए समाज के 363 लोगों ने बलिदान दिया है. समाज की मांग हे कि विलुप्त होती इस प्रजाति को बचाया जाए. चीतों के लिए चीतल परोसने के फैसले पर पुनर्विचार कर अवैधानिक और संवेदनहीन आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए. इस मामले में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर नाराजगी जताई थी.


मंत्री ने पीएम को लिखा पत्र
कांग्रेस के सांचौर विधायक व श्रम राज्यमंत्री सुखराम बिश्नाई ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में चीतों को चीतल और हिरण खिलाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने लिखा कि बिश्नोई समाज के लिए हिरण आस्था का विषय है. समाज के सैंकड़ों लोगों ने हिरणों की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान दिया है. देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बनाए कानून वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 भी हिरणों के शिकार पर पाबंदी व इनके संरक्षण की बात करता है. इसे ध्यान में रखते हुए आस्था से जुड़े हिरणों को चीतों का भोजन बनाने वाले अवैज्ञानिक और असंवेदनशील फैसले को तत्काल वापस लिया जए.


बीजेपी विधायक ने भी जताई नाराजगी
कांग्रेस ही नहीं बीजेपी नेताओं ने भी विरोध के स्वर मुखर किए हैं. बीजेपी के नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को भेजे पत्र में लिखा कि पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता के लिए कोई भी जीव पृथ्वी से विलुप्त नहीं होना चाहिए. इस फूड चैन में एक की कमी हजारों आपदाओं को जन्म देती है. ऐसे में एक प्रजाति को पुनर्स्थापित करने के लिए दूसरी प्रजाति को विलुप्त न किया जाए. अगर चीतों को भोजन में हिरण दे रहे हैं तो इस पर तत्काल रोक लगाएं, ताकि समाज की भावनाएं आहत ना हो.


राजगढ़ के जंगल से भेजे चीतल
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए 8 चीतों की भूख मिटाने के लिए राजगढ़ के जंगल से 181 चीतल श्योपुर भेजे गए थे. इससे पहले साल 2021 में भी 245 चीतल गांधी सागर अभ्यारण में भेजे गए थे. 9 चीतल देवास के सिवनी में भेजे गए थे.


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