राजस्थान एटीएस की गिरफ्त में आए सांचौर जिले के मौलवी ओसामा उमर का संबंध अफगानिस्तान के आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से है. ओसामा 4 साल से संगठन के टॉप कमांडर के संपर्क में था. एटीएस ने 5 दिन पूछताछ के बाद मामला -दर्ज कर आरोपी मौलवी को गिरफ्तार कर लिया है.
पकड़े गए चार अन्य संदिग्धों को भी ओसामा आतंकी संगठन से जुड़ने के लिए दबाव बना रहा था. पूछताछ में सामने आया कि ओसामा इंटरनेट कॉलिंग से आतंकी टॉप कमांडरों के - संपर्क करता था. मौलवी देश के बाहर भागने की फिराक में था और दुबई के रास्ते वो अफगानिस्तान जाने की प्लानिंग में था.
पांच संदिग्ध लोगों को लिया गया था हिरासत में
पिछले दिनों राजस्थान एटीएस ने 4 जिलों में छापेमारी कर 5 संदिग्धों को पकड़ा था. पकड़ा गया ओसामा उमर, मसूद पंडीपार बाड़मेर का, मोहम्मद अयूब पीपाड़ जोधपुर का, मोहम्मद जुनेद बागोर मोहल्ला करौली का और बसीर रामसर बाड़मेर का रहने वाला है. राजस्थान एटीएस के आईजी विकास कुमार के मुताबिक 5 दिन पहले अलग-अलग जगह पर छापेमारी कर पांच संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया था. इनमें मौलाना ओसामा उमर भी शामिल है.
ओसामा मूल रूप से राजस्थान में पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक के जिले बाड़मेर का रहने वाला है. वह सांचौर में एक मस्जिद में मौलवी है. 24 साल का ओसामा उमर शादीशुदा है और उसके चार बच्चे भी हैं. राजस्थान ATS के अधिकारी ने कहा कि मैं उसके भाई को भी हिरासत में लिया था, लेकिन सीधे तौर पर उसकी कोई भूमिका नहीं होने के बाद अब उसे डी रेडिकलाइज कर छोड़े जाने का फैसला किया गया है.
क्या होता है डी रेडिकलाइज
यदि कोई व्यक्ति कट्टरवाद की तरफ बढ़ता है तो उसे दूर करने की प्रक्रिया को डीरेडिकलाइन कहा जाता है. एटीएस ने एक टीम बना रखी है, जिसमें एटीएस के साथ-साथ उदारपंथी लोग, धर्म की सही व्याख्या करने वाले लोग और समाज के कुछ गणमान्य शामिल होते हैं. ये लोग रेडिकलाइज व्यक्ति की काउंसलिंग करते हैं. उसकी कट्टरवाद से दूर करने का प्रयास करते हैं और सही दिशा की ओर ले जाते हैं.
हालांकि एटीएस की फील्ड की टीम लगातार निगरानी रखती हैं और समय-समय पर फिर यहां कमेटी के सामने लाकर उसकी विचारधारा की परख होती है. ऐसे व्यक्ति का रिकॉर्ड रखा जाता है. मौलाना ओसामा इन चार मौलानाओं और मदरसा स्टूडेंट को कट्टरवाद का पाठ पढ़ा रहा था.