Rajasthan Election 2023: राजस्थान में भले ही मध्य प्रदेश से कम विधान सभा सीटें हैं, मगर यहां पर भाजपा पूरी तरह से अलग रणनीति से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. इसीलिए यहां पर दो बड़े जनाधार वाले नेताओं को सहप्रभारी भी बनाया है. प्रह्लाद जोशी केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं, मगर उनके साथ दो और नेताओं को सहप्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी है. कुलदीप बिश्नोई (kuldeep bishnoi) का हरियाणा और राजस्थान के बिश्नोई समाज में बड़ा कद माना जाता है. पिछले दिनों उन्हें बिश्नोई रत्न से सम्मानित भी किया जा चुका है. हरियाणा से दो बार सांसद और कई बार विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस के पुराने नेता हैं. हरियाणा से सटी विधान सभा सीटों और राजस्थान में 30 अधिक बिश्नोई समाज की प्रभाव वाली सीटों पर उन्हें लगा दिया गया है. वहीँ गुजरात से सटी राजस्थान की आदिवासी और ओबीसी बाहुल्य सीटों पर नितिन पटेल (nitin patel) की कमान रहेगी. इन दो नेताओं को मैदान में उतार कर भाजपा ने बड़ा संकेत दे दिया है. जानिए क्या है इसके पीछे इनसाइड स्टोरी.


विश्नोई ने किया बड़ा वादा 


कुलदीप बिश्नोई ने जिम्मेदारी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर लिखा है, 'आपने विश्वास का पहला कदम बढ़ाया है, हम अपनी वफा से इसको मंजिल तक ले जाएंगे ! वो इबारत लिख देंगे सफलता की, अहंकारियों के तख्तो-ताज़ हिल जाएंगे ” दिल की गहराइयों से नरेंद्र मोदी, अमित शाह एवं जे पी नड्डा का आभार व्यक्त करता हूँ। विश्वास दिलाता हूँ की आपकी आशाओं और अपेक्षाओं से बढ़कर खरा उतरूँगा'. सूत्रों का कहना है कि कुलदीप बिश्नोई राजस्थान में बिश्नोई समाज की एक बड़ी रैली कराने की तैयारी में है. इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से उन्होंने परमिशन भी ले लिया है. जल्द ही कार्यक्रम हो सकता है. कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं को कुलदीप भाजपा भी ज्वाइन कराएंगे. ऐसी कई  राजनीतिक चुनावी योजनाओं के लिए कुलदीप को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. 


पटेल से चमत्कार की उम्मीद 


भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व नितिन पटेल से चमत्कार की उम्मीद रख रहा है. मेहसाणा से विधायक रह चुके नितिन पटेल को राजस्थान में सहप्रभारी बनाकर बड़ी नीतिगत जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों का कहना है कि आदिवासी और ओबीसी क्षेत्रों में पटेल को अधिक काम के लिए लगाया जायेगा. गुजरात से सटी हुई उन सीटों पर इनकी बड़ी जिम्मेदारी होगी जहां पर राजस्थान में भाजपा को नुकसान हो चुका है. सिरोही जिले में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है. इस जिले की तीनों सीटों पर कड़ी मेहनत शुरू होने वाली है. सूत्रों का कहना है कि इन क्षेत्रों में विधान सभा ही नहीं बल्कि लोक सभा के हिसाब से काम करना होगा. जिससे भाजपा यहां पर कुछ बड़ा कर सके. 


70 सीटों पर इन दो नेताओं की बड़ी जिम्मेदारी 


ऐसे में कुलदीप और नितिन के क्षेत्र में लगभग 70 विधान सभा की सीटें आ रही है. अब इन पर दोनों को मजबूती के साथ काम करना है. इन सीटों पर पार्टी के बाकी नेता भी लगे हैं, मगर इन्हे यहां पर रणनीति के तरह काम करने के संकेत दिए जा चुके हैं. इन सीटों जातिगत फोकस और केंद्र सरकार की योजनाओं का ज्यादा प्रचार किया जाना है.