Rajasthan Assembly Election 2023: निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने सोमवार को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. साथ ही आदर्श आचार सहिंता भी लग गई. राजस्थान में विधानसभा चुनाव 23 नवंबर को है. आचार सहिंता लगने के साथ ही नई घोषणाओं का दौर थम गया. अब आचार सहिंता लगने के बाद लोगों के मन में तीन नए जिले के बनने को लेकर, जातिगत सर्वे होने समेत कई सवाल हैं कि क्या आचार सहिंता लगने के बाद ये काम होंगे या अटक जाएंगे. महिलाओं को जो फ्री मोबाइल फोन दिए जा रहे थे उस पर भी क्या रोक लगेगी या वो योजना चलती रहेगी.
तीन नए जिले बनेंगे या लगेगी रोकदरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने इस साल 17 नए जिले और तीन संभाग बनाने का एलान किया था. इस एलान के बाद अब राजस्थान में जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गई है. वहीं तीन नए संभाग बनने के बाद संभागों की संख्या भी 10 पहुंच गई है. इसी बीच बीते छह अक्टूबर को सीएम ने सबको हैरत में डाल दिया, जब उन्होंने तीन और नए जिले बनाने का एलान किया. ये तीन नए जिले सुजानगढ़, मालापुरा हैं. नए जिलों के सबसे जरूरी चीज होती है नोटिफिकेशन जारी करना. बिना नोटिफिकेशन जारी हुए ये तीनों जिले नहीं बन सकते. ऐसे में इन जिलों को बनाने का एलान, एलान ही रह जाएगा.
चुनाव आयोग से लेनी होगी इजाजतअब जिलों की नोटिफेशन जारी करने के लिए सरकार को चुनाव आयोग से इजाजत लेनी होगी. चुनाव आयोग ऐसे मामलों में इजाजत नहीं देता. वहीं आदर्श आचार सहिंता लगने से तीन पहले गहलोत सरकार ने जातिगत सर्वे की घोषणा की थी. इस मामले में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण कुमार गुफ्ता ने आचार संहिता लगने के दौरान चुनाव आयोग घोषणा, बयान, आदेश आदि को अपने अपने विवेकाधिकार में ले सकता है. अगर चुनाव आयोग ये मानता है कि इन घोषणाओं या बयानों से मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है, तो आयोग उस पर रोक लगा सकता है.
वहीं राजस्थान सरकार की ओर से इस साल 15 अगस्त को अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना की शुरुआत की थी. इस योजना पर आखिरी फैसला सरकार लेगा. अगर आयोग इस योजना के जरिए फूड पैकेट बांटने की मंजूरी देगा भी तो भी पैकेट से सीएम की तस्वीर को हटाना पड़ेगा. अगर सीएम की तस्वीर नहीं हटाई जाती तो इस योजना को बंद करना पड़ेगा. इसी तरह सरकार द्वारा शुरू की इंदीरा गांधी स्मार्टफोन योजना जिसके जरिए प्रदेश में महिलाओं को फ्री मोबाइल दिया जाता है, उस पर भी अंतिम फैसला चुनाव आयोग का होगा.