RPS Divya Mittal News: दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में एसीबी (ACB) के हत्थे चढ़ी अजमेर एसओजी (Ajmer SOG) की घूसखोर एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल (Divya Mittal) की गिरफ्तारी के बाद जांच में एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. हैरानी की बात है कि जो महिला अधिकारी रिश्वत के खेल में शातिर खिलाड़ी के रूप में शामिल थी, उसे एसओजी सम्मानित करने वाली थी. गिरफ्तारी के दो दिन बाद जारी सम्मान सूची में दिव्या का नाम भी शामिल था. सूची जारी होने के बाद पुलिस महकमे में बवाल मच गया. मामला सुर्खियों में आने के कारण दूसरे दिन उस सूची से दिव्या का नाम हटाकर संशोधित सूची जारी की गई है.
गिरफ्तारी के दो दिन बाद सम्मान सूची में नामएटीएस और एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस ने गत 18 जनवरी को एक आदेश जारी किया. जिसमें सम्मानित होने वालों के नाम शामिल था. आदेश में लिखा था कि निर्देशानुसार पुलिस मुख्यालय से प्राप्त स्मृति चिन्ह, डीजीपी डिस्क, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा घोषित अति उत्कृष्ट सेवा पदक, उत्कृष्ट सेवा पदक एटीएस और एसओजी में पदस्थापित अधिकारियों, कर्मचारियों को 27 जनवरी 2023 को एटीएस और एसओजी कार्यालय जयपुर में वितरित किए जाएंगे. सभी को निर्धारित यूनिफॉर्म में उपस्थित होना है. इस आदेश में एसओजी में कार्यरत 29 पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल हैं. जिनमें 20वें नंबर पर दिव्या मित्तल का नाम भी लिखा है. दिव्या को रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी ने 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था.
बवाल हुआ तो हटाया नामएडीजी की ओर से 18 जनवरी को जारी आदेश कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस आदेश में दिव्या मित्तल का नाम लिखा होने से बवाल मच गया. घूसखोर अधिकारी को सम्मानित किए जाने की चर्चाएं होने लगी. इसके बाद 19 जनवरी को एडीजी ने दिव्या का नाम हटाने वाला नया संशोधित आदेश जारी किया. आदेश में लिखा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से को गिरफ्तार किए जाने पर दिव्या मित्तल को निलंबित कर दिया है. इसके बाद अंकित दिव्या मित्तल का नाम सम्मान सूची से हटाया जाता है.
दवा कंपनी मालिक से मांगी थी रिश्वतमामले के अनुसार, परिवादी की दवा बनाने की कंपनी है. एएसपी दिव्या परिवादी की हरिद्वार स्थित दवा कंपनी में पहुंची. वहां जाकर परिवादी से कहा कि उसके खिलाफ अजमेर में साइकोट्रॉपिक दवा के तीन केस दर्ज हुए हैं. पकड़ी गई दवाइयों में उनकी फैक्ट्री की दवाएं भी शामिल हैं. यह सुनकर परिवादी घबरा गया था. इसके बाद दिव्या ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में डरा-धमकाकर केस से नाम हटाने के लिए अपने दलाल के मार्फत दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी.
शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने जाल बिछाकर एएसपी और उनके दलाल को गिरफ्तार किया. अजमेर एसओजी कार्यालय, अजमेर के फ्लैट, उदयपुर में रिसोर्ट, जयपुर में फ्लैट, चिड़ावा के घर में जांच कर दस्तावेज खंगाले. इन जगहों से एसीबी टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले.