कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (Mukundra Tiger Reserve) में एक और टाइगर के जोडे की सौगात शीघ्र ही मिल सकती है, इसके लिए पर्यावरण मंत्री ने आश्वस्त किया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने मंगलवार को सांसद दुष्यंत सिंह से मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया है. फिलहाल यहां एक बाघिन को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है. सांसद सिंह ने मंगलवार को पर्यावरण मंत्री यादव से संसद भवन में मुलाकात कर मुकंदरा टाइगर रिजर्व को बाघों से आबाद करने की मांग रखी उन्होनें कहा कि 2013 में अधिसूचित होने के 10 साल बाद भी हाड़ौती में इको पर्यटन के विकास का स्वप्न साकार नहीं हो सका है.


तीन माह से जंगल में अकेला घूम रहा टाइगर 
सांसद (MP) दुष्यंत सिंह ने कहा कि पिछले तीन माह से बाघ एमटी 5 यहां एकाकी जीवन व्यतीत कर रहा है. ऐसे में उसकी स्वयं की सुरक्षा के साथ आसपास की आबादी को भी खतरा है. सांसद ने कहा कि मुकंदरा में मात्र एक बाघिन को शिफ्ट करने से समस्या का समाधान संभव नहीं है. उन्होनें यहां एक बाघ और तीन-चार बाघिनों की शिफ्टिंग का सुझाव दिया. सांसद ने कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में पल रहे शावकों को भी शीघ्रता से अभ्यारण्य में शिफ्ट करने का सुझाव दिया. उन्होंने अभ्यारण्य से संबंधित अधिकारी एवं वन रक्षकों की संख्या बढ़ाने की मांग भी रखी.  


वर्ष 2013 में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आया
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में टाइगर की मौत के बाद यह लगातार पिछड़ता चला गया.  वर्ष 2013 में मुकुंदरा टाइगर (tiger) रिजर्व अस्तित्व में आया था, लेकिन बीते 10 सालों में टाइगर की मौत से यहां समस्याएं गहराती चली गई. वहीं कोटा संभाग के बूंदी रामगढ़ विषधारी पूरी तरह से स्थापित होने की कगार पर है और मुकुंदरा हिल्स टाइगर से अच्छी स्थिति में भी है. वहां पर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से ज्यादा टाइगर की आबादी है, जंगल सफारी भी शुरू हो चुकी है. हालि में यहां एक मादा टाइगर ने तीन शावकों को जन्म दिया है. जिससे यहां टाइगर बसाने की संभावनाएं और तेजी से बढ़ गई.