Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि महोत्सव आज देशभर में भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. शिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार प्रदोष का व्रत भी इसी दिन होने से  और अद्भुत संयोग बन रहा है, जिसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. महाशिवरात्रि के साथ प्रदोष का व्रत करने वाले भक्त की सभी इच्छा जरूर पूरी होती है. महाशिवरात्रि के दिन शनिवार भी है जो कि शनि को समर्पित होता है. ऐसे में महाशिवरात्रि व्रत के साथ शनि प्रदोष का होना दुर्लभ संयोग माना जाता है. जो कि शनि दोष को दूर करने में बेहद कारगर है. इस दिन सच्ची भक्ति और निष्ठा के साथ व्रत करने वालों से महादेव अवश्य प्रसन्न होते हैं और उनकी समस्त मनोकामना पूरी करते हैं. महाशिवरात्रि का यह पावन दिन हर तरह के शुभ और मांगलिक कार्य करने के लिए उत्तम माना जाता है.

महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्तमहाशिवरात्रि का चतुर्दशी तिथि की शुरूआत आज रात 8 बजकर 3 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 फरवरी  को शाम 4 बजकर 19 मिनट पर होगा. शनिवार को चार प्रहर में शिव पूजा का विधान है प्रथम पहर पूजा समय - 18 फरवरी, शाम 6.16 से रात 9.28 बजे तक, द्वितीय पहर पूजा समय रात 9.29 से रात 12.40 बजे  तक, तृतीय पहर पूजा समय 19 फरवरी, रात 12.41 से 3.52 मिनट तक और चतुर्थ पहर पूजा समय 19 फरवरी, 3.53 बजे से सुबह 7.4 बजे तक होगा. निशिता काल का समय 18 फरवरी रात यानी 19 फरवरी को 12.15 से 1.6 बजे तक रहेगा.

महाशिवरात्रि पर पिता-पुत्र का एक साथ रहना अति दुर्लभ योगज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि महाशिवरात्रि पर शनिवार दिन और शनि ग्रह भी अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे. यही नहीं 13 फरवरी को सूर्य भी कुंभ राशि में प्रवेश कर गया है. इस तरह महाशिवरात्रि पर पुत्र शनि के घर कुंभ में पिता-पुत्र यानी सूर्य और शनि का एक साथ रहना अति दुर्लभ योग बनेगा। इस दौरान कुंभ में शनि अस्त अवस्था में रहेंगे. फलस्वरूप कुंभ राशि में विराजमान सूर्य का प्रभाव अधिक रहेगा. इससे करियर और आर्थिक मामलों की दृष्टि से यह स्थिति बहुत ही बेहतर होगी. ऐसे शुभ योग में महाशिवरात्रि का व्रत रखने और शिवजी की पूजा करने से सभी दोष दूर हो सकते हैं. 

महाशिवरात्रि पर गुरु भी स्वराशि मीन में होंगे. गुरु मीन राशि में उच्च के होते हैं. गुरु के मीन राशि में होने से हंस राजयोग भी बनेगा. नौकरी की दृष्टि से यह स्थिति बेहद शुभ मानी जाती है. महाशिवरात्रि पर शुक्र भी मीन राशि में विराजमान रहेंगे. इस प्रकार मीन राशि में शुक्र और गुरु के होने से यह स्थिति भी बेहद लाभदायक रहेगी.

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