Rajasthan: राज्यों के विधानसभा चुनाव निपटने के बाद अब पार्टियां लोकसभा के चुनाव की तैयारी में जुट चुकी हैं. राजस्थान की बात करें तो यहां के मेवाड़ और वागड़ की दो लोकसभा सीटों पर बीजेपी (BJP) की राह आसान नहीं दिखाई दे रही है. विधानसभा चुनावों के आंकड़ों को देखें तो इन दोनों में से एक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर पार्टी तीसरे स्थान पर रही, जबकि दूसरे लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर पार्टी का वोट प्रतिशत गिरा है.


हम जिन लोकसभा सीटों की बात कर रहे हैं, वह है उदयपुर (Udaipur) और बांसवाड़ा (Banswara). ये दोनों ही सीटें जनजाति आरक्षित हैं यानी यहां जनजातीय वोटर ज्यादा है. इन दोनों ही लोकसभा सीटों पर बीजेपी के सांसद हैं. उदयपुर लोकसभा में आठ विधानसभा सीटें हैं. बांसवाड़ा लोकसभा में भी आठ विधानसभा सीटें आती हैं. विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के आधार पर कहा जाए तो बीजेपी के लिए यह सीटें चुनौती बन सकती हैं. दरअसल, उदयपुर लोकसभा में इस जिले की गोगुंदा, झाडोल, खेरवाड़ा, उदयपुर, उदयपुर ग्रामीण, सलूंबर सीट आती है.


उदयपुर में पांच सीटों पर बीजेपी का कब्जा


वहीं डूंगरपुर जिले की आसपुर और प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट भी उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में आती है. उदयपुर जिले की छह विधानसभा सीटों में से पांच पर बीजेपी के विधायक हैं, लेकिन विधानसभा चुनवों में यहां बीजेपी का वोटिंग प्रतिशत गिरा है. उदयपुर जिले शेष दोनों विधानसभाओं में कांग्रेस नहीं बल्कि, आदिवासी पार्टी के विधायक हैं. आसपुर में तो बीजेपी का सुपड़ा साफ है. यहां आदिवासी पार्टी के विधायक हैं. हार का अंतर 28 हजार वोट है. आदिवासी पार्टी के विधायक को 47 फीसदी से ज्यादा वोट मिले.


बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में आती हैं ये सीटें


धरियावद में आदिवासी पार्टी को 37 फीसदी वोट मिले. हालांकि, उदयपुर जिले की जो सीटें हैं, उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का गढ़ कहा जाता है, लेकिन आदिवासी पार्टी के आने से उसके लिए चुनौती बढ़ी है. बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इसमें जिले की घाटोल, गढ़ी, बांसवाड़ा, बागीदौरा, कुशलगढ़ सीट आती है. डूंगरपुर जिले की डूंगरपुर, सागवाड़ा और चौरासी विधानसभा सीट भी बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में आती है. अभी तो यहां बीजेपी के सांसद हैं, लेकिन, आने वाले चुनाव के लिए सबसे चुनौती वाली सीटें यहीं हैं. इन आठ विधानसभा सीटों में सिर्फ दो पर बीजेपी के विधायक हैं. यहां की कुछ सीटों पर पार्टी तीसरे नंबर पर हैं. आने वाले लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस के लिए फायदा यह है कि इन आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस के विधायक हैं.


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