Lata Mangeshkar Passes Away: स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अब नहीं रहीं. देशभर में उनसे जुड़ी बातें सामने आ रही हैं. इसी क्रम में उदयपुर (Udaipur) संभाग के डूंगरपुर (Dungarpur) जिले से लता मंगेशकर का विशेष जुड़ाव रहा है. ये बेहद कम लोग ही जानते हैं कि डूंगरपुर राजघराने के महारावल लक्ष्मण सिंह के पुत्र राजसिंह (Raj Singh) के साथ उनकी घनिष्ठ मित्रता थी. राजसिंह के ही प्रेरित करने पर लता दीदी ने अपने 75वें जन्मदिन पर डूंगरपुर की बदहाल चिकित्सा सेवाओं को लेकर 25 लाख रुपए के भवन की सौगात दी थी. ये भवन हरिदेव जोशी सामान्य अस्पताल में बनाया गया था. इस भवन का नामकरण भी लता मंगेशकर भवन रखा गया था. उस समय इस भवन का उपयोग मातृ एवं शिशु हॉस्पिटल के रूप में किया गया. आज इस भवन में एड्स रोगियों के लिए एआरटी सेंटर चल रहा है.
मैच देखने के लिए आती थीं लता मंगेशकरयहीं नहीं, राजसिंह डूंगरपुर क्रिकेट के शौकीन थे, उनकी मुलाकात सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर से हुई. दोनों के बीच अच्छे संबंध रहे. राजसिंह डूंगरपुर के कहने पर लता मंगेशकर ने 2007-08 में राज्यसभा सांसद रहते हुए डूंगरपुर हॉस्पिटल में 25 लाख की लागत से एक हॉल बनवाया. बताया गया कि राजसिंह रणजी खेलते थे, तो उनका मैच देखने के लिए लता मंगेशकर जरूर आती थीं.
डूंगरपुर से था खास जुड़ाव डूंगरपुर के राजेश जैन ने बताया कि, ''लता मंगेशकर के 75वें जन्म दिन पर राजघराने के राजसिंह डूंगरपुर के मुंबई स्थित आवास में था. राजसिंह को मैंने सुबह दीदी के आवास पर जाने और बधाई देने की बात कही. इस पर राजसिंह ने तत्काल मुझे बुके लेकर भेजा. जब मैं सुबह सुबह 7 बजे बुके लेकर लता दीदी के बंगले पर पहुंचा तो नीचे हजारों की तादात में वीआईपी उपस्थित थे. भीड़ को देखकर मुझे लगा कि मैं इतने वीआईपी के बीच उनसे कैसे मिलूंगा और उनको बुके कैसे दे पाऊंगा, ये सौभाग्य कैसे प्राप्त होगा. लेकिन, खुशकिस्मती से दीदी का आभार कहें या उनका बड़प्पन, एक व्यक्ति संदेश लेकर आया कि राजेश जैन डूंगरपुर कौन. मैंने कहा मैं हूं तो तुरंत मुझे अंदर बुलाया गया और फिर मैंने लता दीदी को बुके देकर डूंगरपुर की ओर से उनको जन्मदिन की बधाई दी. इसी समय लता दीदी ने मुझे 25 लाख रुपए की स्वीकृति का पत्र भी सौंपा और कहा कि इसे डूंगरपुर कलेक्टर को दे देना.''
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