Kotputli Borewell Accident Rajasthan: राजस्थान के कोटपुतली क्षेत्र के कीरतपुरा गांव स्थित बोरवेल में गिरी मासूम तक पहुंचने में 9 दिन भी भी बचाव दल विफल रहा है. जबकि सुरंग बनाने का काम पूरा हो चुका है. बचाव दल के अफसरों ने दावा किया था, आठवें दिन बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाल लेंगे. अब तो बच्ची के माता-पिता और स्थानीय लोगों की उम्मीदें भी खत्म होती जा रही हैं. दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
दरअसल, कोटपूतली के कीरतपुरा गांव के 700 फीट गहरे बोरवेल में 3 साल की साल की चेतना अभी भी फंसी हुई है. पिछले 9 दिनों से स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ कर्मी बच्ची तक पहुंचने की मुहिम में जुटे हैं, लेकिन मासूम बच्ची को अभी तक बाहर नहीं निकाल पाए हैं.
किसी को नहीं पता कैसी है मासूम?
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक अभी तक बचाव दल को इस बात का भी पता नहीं लग पाया है कि भूखी-प्यासी मासूम की हालत कैसी है? वह कोई मूवमेंट भी नहीं कर रही है। बस इतना बताया जा रहा है कि चेतना 120 फीट की गहराई पर एक हुक से लटकी हुई है. वहां तक पहुंचकर चेतना को बोरवेल से निकालने के लिए एनडीआरएफ के जवान अब भी सुरंग खोदने में जुटे हैं.
हालांकि, नतीजे के नाम पर बचाव दल को अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा है. जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे-वैसे परिजनों और ग्रामीणों की उम्मीद और आशा दोनों धूमिल नजर आने लगी हैं.
सबसे लंबा बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें कि राजस्थान में अभी तक हुए बोरवेल हादसे में सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन कोटपूतली का है. इस ऑपरेशन का 9 दिन बीतने के बाद भी बच्ची को बाहर नहीं निकाला जा सका है. अब अहम सवाल यह है कि और कितना लंबा इंतजार करना होगा? क्या मासूम चेतना हम सबके बीच फिर मौजूद होगी या लेट लतीफी की वजह से सभी को निराशा हाथ लगेगी.