राजस्थान के कोटा में स्लीपर बसों में लगातार हो रहे हादसों के बाद परिवहन विभाग की टीम ने मानकों के खिलाफ चल रही एक प्राइवेट स्लीपर बस पर कार्रवाई की. विभाग ने बस को सीज कर आरटीओ परिसर में खड़ा कराया, लेकिन इसके बाद बस का स्टाफ मौके पर पहुंच गया और विभाग की कार्रवाई के खिलाफ जमकर हंगामा करने लगा.
गेट तोड़ने की धमकी देकर की पत्थरबाजी
जानकारी के मुताबिक, जैसे ही विभाग ने बस को जब्त कर आरटीओ ऑफिस लाकर खड़ा किया, बस के कंडक्टर और ड्राइवर समेत कुछ अन्य लोग वहां पहुंचे और गेट तोड़कर जबरन बस ले जाने की धमकी देने लगे. माहौल धीरे-धीरे बिगड़ता गया और देखते ही देखते बस स्टाफ ने विभागीय टीम पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इस हमले में परिवहन विभाग की सरकारी गाड़ी का शीशा टूट गया.
हंगामे के बीच स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कंडक्टर और ड्राइवर ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन और विभाग की मशीन छीन ली और मौके से फरार हो गए. विभागीय अधिकारी घटना से हतप्रभ रह गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवहन विभाग ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
इन वजहों से विभाग ने की कार्रवाई
कोटा में कई स्लीपर बसें सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए सड़कों पर दौड़ रही हैं. न तो इनमें आपात निकास का इंतजाम होता है, न ही सीटिंग प्लान तय नियमों के मुताबिक. हाल ही में स्लीपर बसों में लगातार हो रहे हादसों के बाद सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू की है. इन्हीं जांचों के तहत कोटा में यह बस पकड़ी गई थी.
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें बस स्टाफ और विभागीय टीम के बीच झड़प होती दिख रही है. पुलिस ने वीडियो की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है.
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हमने नियमों के खिलाफ चल रही बस को सीज किया था. उसी पर बस स्टाफ ने हमला किया. सरकारी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया और सरकारी सामान लूटकर भागे हैं. पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है, आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.