Kota River Front: कोटा रिवर फ्रंट के उद्घाटन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के न जाने की खबर के बाद राजस्थान की राजनीति में अलग-अलग तरह की बातें हो रही हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज का कहना है उन्होंने कई पुराने वीडियो देखे हैं जिनमें मंत्री शांति धारीवाल कह रहे हैं कि 125 पंडितों द्वारा चंबल माता की पूजा की जाएगी. कहीं यह बात अशोक गहलोत को पसंद तो नहीं आई. इस तरह के कयास और अटकलें लगाई जा रही हैं. मुख्यमंत्री के दौरे के रद्द होने के बाद कई और कयास लगाए जा रहे हैं. यह सब उस समय हुआ है जब कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने खुद अपने हाथ में इस कार्यक्रम की कमान ली हुई है. बीजेपी के सवाल के इतर भी कई सवाल उठ रहे है. कयास भी अलग-अलग तरह के लगाए जा रहे हैं. 

रात को लिए गए निर्णय से हतप्रभ बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज का कहना है कि जिस कार्यक्रम के लिए सरकार और मंत्री दोनों बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे. जिसे विकास का मॉडल बताया जा रहा था. अचानक रात को 2:30 बजे क्यों न जाने की घोषणा करनी पड़ी? प्रवक्ता का कहना है कि सीएम के ना जाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसका जवाब सरकार को देना चाहिए. इस तरह से कैसे मामला पलट गया है.

कुछ और मिल रहे संकेत वहीं, दूसरी तरफ सीएम के वहां न जाने की वजह भले इसे अपरिहार्य कारण बताये गए हैं. मगर, इस रिवर फ्रंट को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. एनजीटी के नियमों का हवाला दिया जा रहा है. मगर, मंत्री ने खुद चार दिन पहले इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह साफ़ बताया था. सभी परमिशन को लेकर यह काम किया गया है. मगर, आज फिर उन्ही परमिशन की चर्चा राजनीतिक गलियारे में खूब हो रही है. इसके साथ ही साथ कोटा में एक कांग्रेस के विधायक द्वारा किये गए विरोध को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है. 

यह भी पढ़ें: Rajasthan Election: राजस्थान में 'कास्ट किंग' को बड़े तरीके से BJP ला रही अपनी तरफ, हर जोन में दिग्गजों को जोड़ने का 'मास्टर प्लान'