Ramgarh News: कोटा संभाग के रामगढ़ टाइगर रिजर्व (Ramgarh Tiger Reserve) में जंगल की रानी को रणथम्भौर से लाकर छोड़ने की तैयारी सोमवार को पूरी हो गई. देर रात को रामगढ़ के बजालिया क्षेत्र में बाघिन को छोड़ा गया हैं. बूंदी वन विभाग ने बजालिया में करीब 1 हक्टेयर का एनंक्लोजर बनाया है. जिसमें बाधिन एनटीसीए प्रोटोकॉल के तहत कुछ दिन वहां रहेगी फिर आदेश मिलते ही बाघिन को एनक्लोजर से रिलीज कर दिया जाएगा.


रामगढ़ अभ्यारण के डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया कि बाघिन टी 119 पूरी तरह से सुरक्षित है. समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. एन्क्लोजर में आने के बाद लगातार हमारी टीम में उसकी मॉनिटरिंग कर रही है. हम पैदल और वाहन से अलग-अलग टीमें बनाकर बाघिन की ट्रेकिंग कर रहे हैं.


चार साल की है जंगल की रानी टी-119
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के डिप्टी कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट संजीव शर्मा ने बताया कि टाइग्रेस टी-119 की उम्र 4 साल है. रणथंभौर के टाइगर टी-57 और टाइग्रेस टी-60 की बेटी है. वर्तमान में वह रणथंभौर के मोर डूंगरी इलाके में रह रही थी. इस एरिया में पर्यटकों की आवाजाही नहीं है. रामगढ़ टाइगर रिजर्व साल 2022 में ही नोटिफाइड हुआ था. एक साल में ही उसे काफी कुछ आबाद कर दिया गया है. वर्तमान में टाइगर उत्तर में दो बाघिन, एक बाघ और तीन शावक मिलाकर छह हो गए हैं. बूंदी रामगढ में लाई गई दूसरी बाधिन को प्रदेश भर में क्वीन के नाम से जाना जाता है.   


 रणथम्भौर से लाया गया था टी-102 को
टाइग्रेस को 16 जुलाई 2022 को सवाई माधोपुर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से टी-102 को ट्रेंकुलाइज कर बूंदी लाया गया था. यहां वन अधिकारियों और डॉक्टरों की मौजूदगी में सड़क मार्ग से बाघिन को रामगढ़ अभ्यारण्य लाया गया था. जहां रामगढ़ विषधारी टाइगर रामगढ़ महल के सॉफ्ट एनक्लोजर में स्वास्थ्य जांच के बाद में उसे कड़ी सुरक्षा के बीच छोड़ा गया था. जहां एक वर्ष बाद बाघिन एक साथ 3 शावकों को जन्म दिया तो बूंदीवासियों के साथ पूरे प्रदेश में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. सीएम गहलोत, खेलमंत्री अशोक चांदना सहित कई जनप्रतिनिधियों ने बूंदी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी.


टी-115 बूंदी रामगढ़ विषधारी में आया था 
रामगढ़ विषधारी टाइगर सेंचुरी में टाइगर टी-115 मौजूद है. जो खुद ही रणथम्भौर से यहां आया था जो यहीं का होकर रह गया. अगर सब कुछ ठीक  रहा तो आने वाले दिनों में बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य प्रदेश में अपनी अलग ही पहचान बनाएगा और पर्यटकों को लुभाएंगा. 3 साल पहले बजट सत्र में सीएम अशोक गहलोत  ने बूंदी में चौथा टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की थी. 


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