Kota News: शिक्षा विभाग में लगातार एक के बाद एक फरमान जारी किए जा रहे हैं. शिक्षा मंत्री की तरफ से जारी किए गए आदेश से कई शिक्षकों को ठेस पहुंच रही है. कई मामलों में तो शिक्षक की गलती भी नहीं है और उन्हें केवल एक ज्ञापन के माध्यम से सजा दे दी गई. मामले की जांच भी नहीं हुई और शिक्षक दोषी करार दे दिया गया और इस कारण वह निलंबित भी हो गया. वहीं अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है, लड़की ने कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल करके कहा है कि इसमें पूरी गलती मेरी है.


दरअसल, हाल ही में कोटा के खजूरी से मामला खजूरी से सामने आया था, जिसमें दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया, जबकि एक शिक्षक पर कार्रवाई की गई. उसकी पोस्टिंग हुए महज अभी 4 महीने हुए हैं. यह मामला 2019 का है.


शिक्षक फिरोज खान ने क्या कहा? 


शिक्षा विभाग के आदेश के खिलाफ अब कई टीचर लामबंद होने जा रहे हैं. खजूरी के निलंबित शिक्षक फिरोज खान ने बताया कि खजूरी गांव में 12 टीचर्स का स्टाफ हैं और वह पिछले 5 साल से वहां पर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन हाल ही में एक मामला ऐसा आया जिसमें उनके पूरे करियर पर ही दाग लगा दिया.


फिरोज खान ने कहा कहा कि मिर्जा मुजाहिद 8 साल से वहां पढ़ा रहे हैं जबकि कभी भी किसी भी टीचर पर कोई आरोप प्रत्यारोप नहीं लगा. वहीं शबाना चार माह से वहां पढ़ा रही है, उसका तो इस मामले से दूर तक कोई नाता भी नहीं है. जबकि मैं खुद 5 साल से वहां पढ़ा रहा हूं, हम सभी कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाते हैं, इस मामले से हमारा कोई नाता नहीं है. केवल राजनीतिक रूप से हमें फंसाया जा रहा है.


क्या है पूरा मामला


फिरोज ने कहा कि वर्ष 2019 में कक्षा दसवीं के पेपर भरे जा रहे थे और इस पेपर के दौरान जो बालिका थी उसने अपने पेपर में जाति के कॉलम में इस्लाम लिख दिया. जबकि उसका नाम मुस्लिम जैसा ही मिलता जुलता है और इसी नाम की अन्य मुस्लिम छात्राएं भी थीं. यह एक लिपिकीय त्रुटि थी. जिससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. हम कक्षा एक से पांचवी तक प्राइमरी बच्चों को पढ़ाते हैं और उन्हीं के पेपर से संबंधित कार्य हमें दिया जाता है, लेकिन वर्ष 2019 में कक्षा दसवीं के पेपर भरे जा रहे थे और इसी दौरान बालिका ने एक भूल कर दी और उसने अपने जाति के कॉलम में इस्लाम लिख दिया.


बच्चे आपस में एक दूसरे के फॉर्म को देखकर भरते हैं शायद वही गलती उस बालिका से हुई, जिससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. जिसने फार्म चेक किया यह उसकी गलती है. इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिले, लेकिन केवल लड़की मुस्लिम लड़के के साथ चली गई और इसका दोषी हमें ठहराया जा रहा है.


टिचर्स के ऊपर लगे लव जिहाद के आरोप 


फिरोज खान ने बताया कि 5 फरवरी 2024 को वह लड़की किसी मुस्लिम लड़के के साथ चली गई. पुलिस ने उन्हें दस्तयाब भी किया और कोर्ट में पेश किया, जहां से उस लड़की ने मुस्लिम लड़के के साथ ही जाना बताया और अपने बयान में भी यही बात कही. लडकी ने इस पूरे मामले को गलत बताया है. टीचर्स ने कहा कि हमारे ऊपर लव जिहाद स्कूल में नमाज पढ़ने और धर्मांतरण जैसे आरोप लगाए गए हैं, जो बेबुनियाद है.


वर्ष 2022 में यह लड़की यहां से 12वीं पास करके चली गई, जिसका अब इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन लड़की के माता-पिता ने जबरन एक ज्ञापन शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को दिया और उसी ज्ञापन की बिनाह पर इतनी बड़ी कार्यवाही कर दी गई, जो पूरी तरह से गलत है.


बाकी दस्तावेजों में नहीं है कोई गलती


फिरोज खान ने बताया कि स्कूल के रजिस्टर में उस लड़की का नाम, उसकी जाति, माता-पिता का नाम, पता, जाति प्रमण पत्र और जो भी उसके दस्तावेज हैं. उन सभी में कोई गलती नहीं है. केवल स्कूल के फॉर्म में ही उसने यह गलती की थी, जो एक लिपिकीय भूल है. जिस शिक्षक ने फार्म जांचे यह उसकी गलती हो सकती है. इस मामले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. क्योंकि हम तो केवल कक्षा 1 से पांचवी तक के बच्चों को ही पढ़ते हैं. जबकि यह गलती कक्षा दसवीं के फॉर्म में हुई है.


लड़की के परिवार ने टिचर पर लगाए आरोप 


टीचर मिर्जा मुजाहिद ने बताया कि केवल राजनीतिक रूप से मोहरा बनाते हुए मुस्लिम टीचर्स को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्कूल में 12 टीचर पढ़ाते हैं और हम सालों से साथ हैं. कोई भी टीचर इस बात से सहमत नहीं है कि वहां नमाज पढ़ाई जाती है. उन्होंने आगे कहा कि लड़की के माता-पिता केवल इस बात से परेशान हैं कि उनकी लड़की एक मुस्लिम लड़के के साथ चली गई. टीचर ने बताया कि वह लड़की हमारे स्कूल में पढ़ती थी. इसी कारण यह सारा मामला जानबूझकर बनाया गया, जिससे हमारा कोई लेना देना नहीं है.


तो वहीं दूसरी तरफ लड़की के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि वह कम उम्र की है और एक कार मैकेनिक व्यक्ति पर उसके अपहरण का आरोप लगाया है. पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिसकी जांच की जा रही है. महिला के पिता ने भी शिक्षकों पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों की साजिश है. शिक्षकों ने उनकी बेटी को बहला फुसलाकर भगाया गया, धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा और यह सब योजनाबद्ध तरीके से हुआ.


स्कूल के दो शिक्षकों को किया गया निलंबित 


21 फरवरी को बारां जिले में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की जनसुनवाई के दौरान सर्व हिंदू समाज ने एक ज्ञापन दिया था. उसके बाद इस मामले में यह कार्रवाई की गई है. कोटा जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के तीन शिक्षकों फिरोज खान और मिर्जा मुजाहिद को निलंबित कर दिया और शबाना के मामले की जांच की जा रही है. बीकानेर में शिक्षा विभाग मुख्यालय में इन शिक्षकों को उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. 


जानकारी के मुताबिक खजुरी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खजूरी में 15 शिक्षक में से 12 हिंदू और 3 मुस्लिम हैं. यहां करीब 250 बच्चें अध्ययन करते हैं. सभी आपस में सद्भावनापूर्ण रहते है और कौमी एकता के कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं. हाली में 26 जनवरी को भी एक ऐसा ही कार्यक्रमआयोजित किया गया था. यहां 75 बच्चें मुस्लिम हैं बाकी हिंदू हैं.
 
लड़की ने स्टांप पर दिया शपथ पत्र 


इस पूरे मामले में लड़की ने भी कोर्ट में एक शपथ पत्र सौंपा है. जिसमें कहा गया है कि यह गलती मेरी है. 10वीं का फॉर्म भरते समय मुझसे ही गलती से जाति में इस्लाम लिखा गया. लड़की ने शपथ पत्र में लिखा कि इसकी जिम्मेदारी मेरी स्वयं की है. इस मामले में सीबीओ राम अवतार रावल ने बताया कि इस मामले में जांच की जाएगी. पूरा मामला उच्चाधिकारियों की संज्ञान में है, तीनों शिक्षकों को निलंबित कर बीकानेर ले जाया गया है. 


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